कोरोना वायरस के नए वैरिएंट के खतरे के बीच वाराणसी में डेल्टा वैरिएंट का खौफ लोगों को सताने लगा है. वाराणसी के मेडिकल साइंस स्थित मल्टी डिस्पलिनेरी यूनिट (MRU) में 8 सैंपलों पर किए गए जीनोम सिक्वेंसिंग में डेल्टा वैरिएंट पाए गए हैं. वाराणसी के 3 और गाजीपुर के 5 केसेज में डेल्टा वैरिएंट पाया गया है. ये सभी डबल म्यूटेंट बताये जा रहे हैं.
वाराणासी में अभी तक कोरोना के कोई केसेज नही आ रहे थे, मगर कुछ एक हफ्तों में 4 कोरोना मरीजो के मिलने की पुष्टि हुई है. पिछले 2 दिनों में ये नए मरीज सामने आए हैं. ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने इन लोगों के कोविड सैंपलों की जीनोम सिक्वेंसिंग कराई. जिसके बाद लोगों में ओमिक्रॉन वैरिएंट मिलने का डर बैठ गया था.
बता दें कि 2 दिन पहले एक 33 साल की महिला मुंबई होते हुए फ्रांस से वाराणसी आई थी. इसको देखते हुए प्रशासनिक लोगों में डर बैठ गया था कि कहीं ओमिक्रॉन न हो. हालांकि इस केस में E417N और E484K म्यूटेशन दर्ज किया गया है. IMS-BHU के गैस्ट्रोएंट्रोलाजी विभाग के एक डॉक्टर व एक मरीज के कोरोना संक्रमित मिले थे.
वहीं इसके बाद यूरोलाजी विभाग में अन्नपूर्णा नगर कालोनी में 81 साल की एक बुजुर्ग महिला कोरोना संक्रमित मिली है. इसके अलावा गाजीपुर में जो 3 लोग संक्रमित थे. वे सभी अमेरिका से वाराणसी आए थे. विशेषज्ञों का मानना है कि ये डेल्टा वैरिएंट बाहर से आए हैं. क्योंकि, इस समय उत्तर भारत में डेल्टा वैरिएंट लगभग खत्म हो चुके हैं.
रिपोर्ट : विपिन सिंह