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G20 Meeting Varanasi: पीएम नरेंद्र मोदी का वीडियो संदेश, मेहमानों से बोले- काशी आध्यात्मिक-सांस्कृतिक राजधानी

वाराणसी में शनिवार को जी20 में संस्कृति मंत्रियों के कार्यक्रम से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने एक वीडियो संदेश दिया है. इसमें उन्होंने कहा, 'मुझे खुशी है कि हम वाराणसी में मिल रहे हैं जो मेरा संसदीय क्षेत्र है. काशी दुनिया का सबसे पुराना जीवित शहर है. यहां से कुछ ही दूरी पर सारनाथ भी है.

Varanasi News: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में शनिवार को आयोजित होने वाली जी20 संस्कृति मंत्रियों की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पहले से रिकॉर्ड किया गया वीडियो संदेश चलाया जाएगा. वाराणसी प्रधानमंत्री मोदी का संसदीय क्षेत्र है. प्रधानमंत्री के ट्विटर अकाउंट से भी इस वीडियो को साझा किया गया.

ये वीडियो नौ मिनट का है. इसमें वाराणसी में भव्य जी20 कार्यक्रम के लिए काशी में एकत्रित हुए मेहमानों को शुभकामनाएं दी गई हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से जुड़े किसी भी कार्यक्रम में शामिल जरूर होते हैं, फिर चाहे वो व्यक्तिगत रूप से हो या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा या फिर कोई मैसेज तो जरूर देते हैं.

इसी कड़ी में वाराणसी में शनिवार को आयोजित जी20 में संस्कृति मंत्रियों के कार्यक्रम से पहले पीएम ने एक वीडियो संदेश दिया है. इसमें उन्होंने कहा, ‘मुझे खुशी है कि हम वाराणसी में मिल रहे हैं जो मेरा संसदीय क्षेत्र है. काशी न केवल दुनिया का सबसे पुराना जीवित शहर है, यहां से कुछ ही दूरी पर सारनाथ भी है, जहां भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था. यह वास्तव में भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी है’.

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वाराणसी में जी20 देशों के सांस्कृतिक मंत्रियों की चौथी एवं अंतिम बैठक शनिवार को आयोजित की जा रही है. वाराणसी में 23 अगस्त से प्रतिनिधियों ने आना शुरू कर दिया था. इस अवसर पर काशी की सड़कों और घाटों को सजाया गया है. शनिवार को दीप प्रज्ज्वलन के बाद प्रधानमंत्री मोदी का वीडियो संदेश चलाया जाएगा। इसके बाद केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी का संबोधन होगा.

केंद्रीय मंत्री रेड्डी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि भारत सरकार के लिए बड़े सौभाग्य की बात है कि यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम भारत की सांस्कृतिक आत्मा और लोकाचार को प्रतिबिंबित करने वाले प्राचीन शहर वाराणसी में आयोजित किया जा रहा है. सीडब्ल्यूजी की पहली बैठक मध्य प्रदेश के खजुराहो में हुई थी. इसके बाद दो और बैठकें ओडिशा के भुवनेश्वर और कर्नाटक के हम्पी में आयोजित की गई थीं.

केंद्रीय मंत्री ने शनिवार को शाम 6.30 बजे बड़ा लालपुर स्थित हस्तकला संकुल में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक कार्यक्रम सुर वसुधा की जानकारी भी दी. उन्होंने बताया कि जी20 देशों के साथ ही आठ आमंत्रित देश बांग्लादेश, मॉरिशस, नीदरलैंड, ओमान, सिंगापुर, स्पेन, नाइजीरिया और यूएई के कलाकार सुर वसुधा कार्यक्रम का हिस्सा बन रहे हैं. इसके साथ ही छह अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं भी हिस्सा ले रही हैं. यह कार्यक्रम पहले सऊदी अरब, इटली, इंडोनेशिया में हो चुका है. पहली बार भारत की अध्यक्षता हो रहा है.

गंगा आरती देख भाव विभोर हुए विदेशी मेहमान

जी-20 सम्मेलन में शामिल होने आए विदेशी मेहमान शुक्रवार शाम वाराणसी के दशाश्वमेध घाट की गंगा आरती देख मंत्रमुग्ध रह गए. क्रूज पर सवार जी-20 देशों के डेलिगेट्स चार मिनट और छह सेकेंड का शंखनाद सुनकर चकित रह गए. सनातनी संस्कृति के एक-एक पल को मोबाइल में कुछ ने कैद किया तो कुछ भक्ति भाव में डूबे रहे. भाव विभोर करने वाली आरती को कुछ मेहमान समझने में जुटे रहे. आरती की विशेषताओं से भरे ब्रोसर को उन्होंने ध्यान से पढ़ा. इनमें से कई मेहमान इसे अपने साथ ले गए.

मेहमानों का शानदार तरीके से किया गया स्वागत

आरती करने वाले अर्चकों की भाव भंगिमाओं को समझाया जा रहा था. प्रतिदिन होने वाली गंगा आरती को देखने के लिए उमड़ने वाली भीड़ का रहस्य भी बताया गया. सनातनी संस्कृति में गंगा को मां का दर्जा दिया गया है. इसके बारे में उन्हें बताया गया. शंखनाद, घंटी, डमरू, धूप, आरती के मिलन की अदभुत छठा देख मेहमान रोमांचित हुए. अर्चकों के चंवर डोलाने के तरीकों को निहार रहे थे. मेहमानों का शानदार तरीके से स्वागत किया गया.

फूलों से सजाया गया दशाश्वमेध घाट

गंगा सेवा निधि व जिला प्रशासन की पहल पर दशाश्वमेध घाट की फूल-मालाओं से अद्भुत सजावट की गई. 5100 दीपों से जी-20 लिखा गया। गंगा सेवा निधि के सात अर्चकों ने मां गंगा की आरती उतारी. इस दौरान घाट सीढ़ियों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. सुरक्षा व्यवस्था के लिए भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी. नित्य संध्या मां गंगा की आरती में तीसरी बार जी-20 डेलिगेट्स शामिल हुए. वाई-20 के डेलिगेट्स भी इसका गवाह बने. जी-20 के प्रतिनिधियों ने प्रसिद्ध नृत्यांगना और कोरियोग्राफर रानी खानम की मनमोहक सांस्कृतिक प्रदर्शन देखा.

सांस्कृतिक एकता की थीम पर जारी होगा डाक टिकट

जी-20 संस्कृति कार्य समूह की बैठक में केंद्र की संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने बताया कि सांस्कृतिक एकता की थीम पर एक डाक टिकट जारी किया जाएगा. इससे सभी देशों के बीच संस्कृतिक विरासत कायम होगी. एक दूसरे की संस्कृतियों को जानने, समझने का मौका सभी देशों को मिलेगा.

सांस्कृतिक कूटनीति को बेहतर टूल के तौर पर करेंगे उपयोग

केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि संस्कृति के आदान-प्रदान से वैश्विक अर्थव्यवस्था मजबूत बनाई जा सकती है. श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने से ही वाराणसी में पर्यटकों की संख्या बढ़ गई है. देश-दुनिया के पर्यटक आ रहे हैं. इसका सीधा फायदा काशीवासियों को मिल रहा है. प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार बढ़ा है. अर्थव्यवस्था बेहतर हुई है. संस्कृति व सांस्कृतिक कूटनीति को बेहतर टूल के तौर पर उपयोग किया जाएगा. इसका असर दक्षिण के देशों पर देखने को मिल सका है.

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