Varanasi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को सबसे लंबे जलमार्ग पर वाराणसी से डिब्रूगढ़ के लिए गंगा विलास क्रूज और मालवाहक जलयान को हरी झंडी दिखाएंगे. साथ ही गंगा पार रेती पर बसी टेंट सिटी और गाजीपुर व बलिया में बनी चार फ्लोटिंग जेटी का उद्घाटन करेंगे. एमवी गंगा विलास क्रूज को दुनिया के सामने देश का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए डिजाइन किया गया है. यह यात्रा पर्यटकों को एक शानदार अनुभव देगी. साथ ही इसके जरिए पर्यटकों को भारत और बांग्लादेश की कला, संस्कृति, इतिहास और आध्यात्मिकता में शामिल होने का अवसर मिलेगा.
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गंगा विलास क्रूज सेवा की शुरुआत हो रही है. इसके शुरू होने से स्थानीय समुदायों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. यह पहल पर्यटन एवं सांस्कृतिक गतिविधियों को प्रत्साहित करने के साथ रोजगार के नए अवसर सृजित करेगी. काशी विश्वनाथ धाम बनने से वाराणसी में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या कई गुना बढ़ी है. राष्ट्रीय जलमार्ग-1 भी प्रारंभ हो गया है. बाबा विश्वनाथ के दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालु अब जल, थल और नभ से काशी आ सकते हैं.
रविदास घाट पर आयोजित भव्य समारोह में प्रधानमंत्री वर्चुअल माध्यम से जुड़ेंगे और गाजीपुर के सैदपुर, चोचकपुर, जमानिया और बलिया के कंसपुर में चार फ्लोटिंग कम्यूनिटी जेटी का उद्घाटन करेंगे. वर्चुअल कार्यक्रम के समापन के बाद सीएम योगी टेंट सिटी जाएंगे और वहां बोट रेस ट्रॉफी का अनावरण करेंगे.
गंगा विलास क्रूज शुक्रवार को 33 विदेशी मेहमानों को लेकर 3200 किलोमीटर वाली 51 दिन की यात्रा के लिए वाराणसी से रवाना होगा. 51 दिनों तक रोमांचकारी सफर पर निकलने वाला यह क्रूज 15 दिनों तक बांग्लादेश से गुजरेगा. इसके बाद असम के बह्मपुत्र नदी से डिब्रूगढ़ तक जाएगा. इस तरह इसके पड़ाव में भारत और बांग्लादेश दो देश होंगे. यह क्रूज उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश और असम के कुल 27 रिवर सिस्टम से गुजरेगा. इसमें रास्ते में तीन मुख्य नदियां गंगा, मेघना और ब्रह्मपुत्र पड़ेंगी.
क्रूज बंगाल में गंगा की सहायक और दूसरे नामों से प्रचलित भागीरथी, हुगली, बिद्यावती, मालटा, सुंदरवन रिवर सिस्टम, वहीं बांग्लादेश में मेघना, पद्मा, जमुना और फिर भारत में ब्रह्मपुत्र से असम में प्रवेश करेगा. भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल की वजह से यह यात्रा बांग्लादेश को क्रॉस करेगी. क्रूज यात्री 15 दिनों तक बांग्लादेश में पर्यटन करेंगे.
पांच सितारा होटल की सुविधाओं से लैस गंगा विलास जलयान में 18 सुइट हैं. इसका निर्माण एक विशिष्ट शैली और एक भविष्यवादी दृष्टिकोण के साथ किया गया था. इसमें व्यायाम और योग के अलावा जिम, गीत और संगीत की सुविधा है.
Also Read: Varanasi: गंगा किनारे सीएम योगी ने टेंट सिटी का किया निरीक्षण, अत्याधुनिक इंतजाम देख आंखे रह जाएंगी दंग…गंगा विलास का इंटीरियर काफी आकर्षक है. यह कई प्रकार की सुविधाओं से सुसज्जित हैं. इनमें शॉवर वाला बाथरूम, कन्वर्टिबल बेड्स, फ्रेंच बालकनी, एलईडी टीवी, तिजोरी, स्मॉक अलार्म्स, लाइफ वेस्ट और स्प्रिंकलर्स प्रमुख रूप से हैं. क्रूज में एसटीपी का प्लांट भी लगाया है. इसकी वजह से गंगा नदी में प्रदूषण भी नहीं होगा. साथ ही इसमें 40 हजार लीटर का तेल का टैंक भी है, जिससे जहाज में एक महीने से भी ज्यादा वक्त तक तेल की कमी नहीं होगी.
केंद्रीय पर्यटन, संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी के मुताबिक भारत का लक्ष्य क्रूज यात्री यातायात को वर्तमान के 0.4 मिलियन से बढ़ाकर 4 मिलियन करना है. आने वाले वर्षों में क्रूज पर्यटन के आर्थिक सामर्थ्य के 110 मिलियन डॉलर से बढ़कर 5.5 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभाावना है. ऐसे में गंगा विलास क्रूज यात्रा इस दिशा में महत्वपूर्ण होगी.
एमवी गंगा विलास के टिकट की कीमत को लेकर केंद्रीय जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने जानकारी दी है. इसके मुताबिक क्रूज पर एक दिन का खर्च 24,692.25 रुपये या 300 डॉलर होगा. भारतीयों और विदेशियों के लिए टिकट की कीमत में कोई अंतर नहीं होगा. पूरे 51 दिनों की यात्रा पर पर्यटकों के 12.59 लाख रुपये या 1,53,000 डॉलर से अधिक खर्च होंगे.