वाराणसी के ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में वाराणसी कोर्ट का बड़ा फैसला आ गया है. ज्ञानवापी मस्ज़िद के अंदर 17 मई से पहले दोबारा सर्वे किया जाएगा. कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा को बदलने के मसले पर भी कोर्ट ने साफ इंकार कर दिया है. कोर्ट कमिश्नर के बदले जाने की भी याचिका पर मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है. वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर ने आदेश में कहा कि कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्र नहीं हटाए जाएंगे. वहीं 17 मई से पहले सर्वे का काम पूरा करना होगा.
#काशी_विश्वनाथ और #ज्ञानवापी मामले कोर्ट कमिश्नर के नहीं हटाने के फैसले के बाद कोर्ट परिसर में ही लगे #हर_हर_महादेव के नारे. pic.twitter.com/UqXvHVkQjg
— Rajat Kumar (@RajatKu96119686) May 12, 2022
कोर्ट कमिश्नर के बदले जाने की भी याचिका पर मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है. कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्र के साथ ही दो और वकीलों की नियुक्ति की गई है. 17 मई के पहले सर्वे की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाएगी. इस मामले में प्रतिवादी अंजुमन इंतजामियां मसाजिद कमेटी की तरफ से एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को हटाए जाने की मांग को लेकर 3 दिन तक बहस चली, जिसके बाद वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर ने आज फैसला सुनाया.
#काशी_विश्वनाथ और #ज्ञानवापी मामले में कोर्ट का फैसला आने के बाद अदालत के बाहर बांटी गाई मिठाई. pic.twitter.com/EjHjnKuFks
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वही इस फैसले के बाद याचिकर्ताओं ने हर हर महादेव के नारे लगाए. वहीं वादी पक्ष के वकीलों को मिठाई भी खिलाया गया. गौरतलब है कि मुस्लिम पक्ष मस्जिद में हो रहे सर्वे और वीडियोग्राफी का शुरू से ही विरोध कर रहा था. सर्वे के दौरान ज्ञानवापी परिसर के बाहर हंगामा भी किया था और सर्वे व वीडियोग्राफी रोकने की मांग की गई थी. वहीं वादी पक्ष के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कोर्ट में सुनवाई पूरी होने के बाद बाहर निकलते हुए मीडियाकर्मियों के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि प्रतिवादी पक्ष की कोशिश दलीलों से सर्वे को रोकने और टालने की थी. जब तक वीडियोग्राफी और सर्वे नहीं होगी तब तक हम अपनी रिपोर्ट कैसे प्रस्तुत करेंगे और प्रतिवादी पक्ष किस आधार पर हमें ग़लत साबित करेगा.