वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर में चल रहे ASI सर्वे के लिए चार हफ्ते का समय और दे दिया है. कोर्ट ने यह भी कहा है कि इसके बाद सर्वे की अवधि नहीं बढ़ाई जाएगी. इसके आलावा ज्ञानवापी के अन्य सभी मामलों की सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी. वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में सर्वे और उसकी रिपोर्ट जमा करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने चार सप्ताह का और वक्त मांगा है. इस मामले में बुधवार को एएसआई की तरफ से भारत सरकार के स्टैंडिंग काउंसिल अमित कुमार श्रीवास्तव ने जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट में अर्जी दी गई थी.
एएसआई ने अपनी अर्जी में कहा है कि रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण सर्वे प्रभावित हुआ है. इसके कारण ज्ञानवापी परिसर में मलबे को बहुत सावधानीपूर्वक और व्यवस्थित ढंग से हटाया जा रहा है, जिसके लिए और वक्त लग सकता है. इसलिए ज्ञानवापी में सर्वे के लिए छह अक्तूबर के बाद चार सप्ताह का और वक्त दिया जाए. इस मामले में प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी को भी प्रार्थना पत्र की प्रति उपलब्ध करा दी गई है. मसाजिद कमेटी की ओर से आपत्ति आने के बाद गुरुवार को कोर्ट में इस मामले में अपना आदेश सुनाएगी.
गौरतलब है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम ज्ञानवापी परिसर का 61 दिनों से सर्वे कर रही है. जिला जज की अदालत ने छह अक्तूबर तक सर्वे पूरा करके रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया था, लेकिन एएसआई ने समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया है. इससे पहले भी एएसआई दो बार समय सीमा बढ़वा चुका है.
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उल्लेखनीय है कि कोर्ट ने बीते 21 जुलाई को ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कर चार अगस्त तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था. 24 जुलाई को सर्वे शुरू होने के बाद पहले सुप्रीम कोर्ट और फिर इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश से तीन अगस्त तक काम रुका रहा. इसलिए एएसआई द्वारा सर्वे का काम पूरा करने के लिए चार सप्ताह का और समय देने का अनुरोध किया गया है. कोर्ट ने पांच अगस्त को सर्वे रिपोर्ट पेश करने के लिए चार हफ्ते का और समय दिया था. इसके बाद कोर्ट ने आठ सितंबर को एएसआई को सर्वे का काम पूरा करने के लिए चार हफ्ते का समय और दिया. साथ ही कोर्ट ने कहा कि सर्वे का काम पूरा कर छह अक्तूबर तक रिपोर्ट पेश करें.
वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर से जुड़ी पांच याचिकाओं पर बुधवार को होने वाली सुनवाई मुस्लिम पक्षकारों की मांग पर 30 अक्तूबर तक के लिए टाल दी गई है. इनमें तीन याचिकाएं वर्ष 1991 से वाराणसी की कोर्ट में लंबित हैं. इनमें दो याचिकाएं निचली अदालत द्वारा ज्ञानवापी के वैज्ञानिक सर्वेक्षण की अनुमति देने वाले आदेश को चुनौती देने वाली हैं. मामले की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर की एकल पीठ कर रही है.
ज्ञानवापी स्थित व्यासजी का तहखाना जिलाधिकारी की सुपुर्दगी में देने के वाद में दिए गए स्थानांतरण आवेदन पर जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत गुरुवार को आदेश सुना सकती है. यह वाद शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास की तरफ से सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दाखिल किया गया है. ज्ञानवापी से जुड़े अन्य मामले जिला जज की अदालत में चल रहे हैं.