बीएचयू में पिछले 13 दिन से हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी है. आज से जूनियर डॉक्टर काम पर वापस आ जायेंगे. जूनियर डॉक्टरों ने पिछले तीन दिनों से इमरजेंसी सेवा भी ठप कर दी थी. बीएचयू में दिखाने आने वाले मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था.
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से वाराणसी के प्राइवेट अस्पतालों में लूट मची हुई थी. हड़ताल कर रहे डॉक्टरों पर राष्ट्रीय स्तर से काफी दबाव पड़ने लगा था और डॉक्टरों के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत कार्यवाही किये जाने और हॉस्टल से भी बाहर निकालने की धमकी दे दी गयी थी.
NEET- PG में काउंसलिंग न हो पाने की वजह से जूनियर डॉक्टरों का प्रमोशन रुका हुआ था. जूनियर डॉक्टर की संस्था फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन राष्ट्रीय स्तर पर हड़ताल की घोषणा की थी. इसके बाद सभी डॉक्टर हड़ताल पर चले गए थे. हड़ताल कर रहे डॉक्टरों के विरोध में बीएचयू के छात्र भी आ गए थे. कल देर शाम BHU गेट पर छात्रों ने जम कर विरोध किया था और कहा कि यह तो अलाेकतांत्रिक और अमानवीय है.
छात्रों का कहना था यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवमानना है. मरीज प्रतिदिन डॉक्टरों की इस हड़ताल की वजह से परेशान हो रहे हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन से यह मांग करते हैं कि जल्द से जल्द इस हड़ताल को समाप्त कराया जाए. स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू रूप से बहाल किया जाए. अगर, हड़ताली डॉक्टर काम पर वापस नहीं आते हैं तो उन पर ESMA और महामारी अधिनियम के तहत तत्काल कार्यवाही की जाए.
वहीं बीएचयू ने भी हड़ताली डॉक्टरों के लिए एडवाइजरी जारी कर दी थी. बीएचयू द्वारा एडवाइजरी जारी होने के 24 घंटे बाद जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल वापस लेने का निर्णय लिया और आज सुबह 8 बजे से सभी जूनियर डॉक्टर काम पर वापस आ गए. जूनियर डॉक्टरों अल्टिमेटम भी दिया है, अगर उनकी मांगें एक हफ्ते में पूरी नही हुई तो वो दुबारा हड़ताल पर जा सकते है.
रिपोर्ट : विपिन सिंह