Varanasi News: अपनी अपकमिंग फिल्म धाकड़ (Dhaakad) के प्रमोशन के लिए एक्ट्रेस कंगना रनौत (Kangana Ranaut), दिव्या दत्ता (Divya Dutta) और एक्टर अर्जुन रामपाल (Arjun Rampal) वाराणसी पहुंचे. इस दौरान तीनों एक्टर्स बुधवार शाम काशी विश्वनाथ के दर्शन पूजन के लिए पहुंचे. कंगना की बहन रंगोली रनौत भी साथ में मौजूद रहीं.
काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन के बाद टीम ने मीडिया से बातचीत की. कंगना रनौत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, ‘मैं अपनी फिल्म मणिकर्णिका के लिए भी काशी के मणिकर्णिका घाट पर आई थी, और हमारी फ़िल्म का गाना धाकड़, फ़िल्म के एक ऐसे कैरेक्टर पर फिल्माया गया है जिसका पुनर्जन्म होता है, और खास बात ये है कि इस किरदार को लॉन्च हमने फ़िल्म में काशी के मणिकर्णिका घाट पर किया है. इसलिए हम काशी आये अपनी फिल्म के प्रमोशन के लिए और हमने काशी विश्वनाथ के दर्शन भी किए.
दरअसल, आगामी 20 मई को ये फिल्म सभी सिनेमाघरों में प्रदर्शित हो रही है. ये भारत की ऐसी पहली फिल्म है, जिसमे एक्शन सीन इस तर्ज पर फिल्माया गया है कि वैसी अब तक कोई फ़िल्म ही नहीं बनी है. इसे देखने के लिए आप सब सिनेमाघरों में जरूर जाए. ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग पर कंगना ने दो टूक कहा कि जिस प्रकार मथुरा के कण-कण में श्री कृष्ण और अयोध्या के कण-कण में भगवान श्री राम हैं, वैसे ही काशी के कण-कण में भगवान शिव हैं. भगवान शिव को किसी स्ट्रक्चर की जरूरत नहीं वह कण-कण में हैं. इसके बाद उन्होंने हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ अपनी बात को खत्म किया.
फ़िल्म धाकड़ के प्रमोशन के लिए आए अर्जुन रामपाल, दिव्या दत्ता और कंगना रनौत टीम के साथ दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती में शामिल हुए. यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए अर्जुन रामपाल कुछ ऐसा बोल गए कि वहां उपस्थित लोगों को भी सोचना पड़ गया. दरअसल, बातचीत के दौरान अर्जुन रामपाल ने कहा कि ‘ये मेरा दुर्भाग्य है कि मैं काशी आया हूं, और दर्शन पूजन में शामिल हुआ’ उन्हें अंदाजा भी नहीं कि उनसे कितनी बड़ी गलती हो गई. माना कि हिंदी की कम समझ के कारण उनसे यह भूल हो गई. मगर हिंदी फिल्मों में काम करने वाले फ़िल्म कलाकार के मुह से भाषा कि इतनी बड़ी अशुद्धि स्वीकार्य योग्य नहीं है, जबकि मीडिया वालों से लगभग बातचीत उनकी हिंदी में ही हुई.
अर्जुन रामपाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, काशी में पहली बार आया हूं, जितना देखा सुना था उससे ज्यादा पाया यहां. बहुत सुकून और शांति मिली है, जिस प्रकार से बाबा के दर्शन पूजन व आरती हुई है, उसके हिसाब से धाकड़ पिक्चर को कोई नहीं रोक सकता है. मुझे गंगा आरती के दौरान गंगा की मिट्टी से बनी हुई नेकलेस गिफ्ट के तौर पर मिली है, और ये हमेशा मेरे गले में रहेगी अब, विश्वनाथ कॉरिडोर बहुत ही अद्भुत बना है. बहुत पॉजिटिव एनर्जी, वाइब्रेशन मिला.
उन्होंने कहा कि, में महादेव का बहुत बड़ा भक्त हूं, मैं अगली बार अपने परिवार को लेकर आना चाहूंगा और समय बिताना चाहूंगा. बोलते-बोलते अर्जुन रामपाल की जबान फिसली और उन्होंने कह डाला कि ‘मेरा दुर्भाग्य है कि मैं यहां आया हूं. अर्जुन रामपाल अपनी इस गलती को नहीं पकड़ पाए, मगर अन्य लोग इसे पकड़ लिया.
रिपोर्ट- विपिन सिंह