नीट काउंसिलिंग को लेकर बीएचयू में हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों और छात्रों के बीच बुधवार को ठन गई. छात्रों का कहना था कि जूनियर डॉक्टर मरीजों को इलाज करने की बजाय हड़ताल पर बैठे हैं, जिसके बाद आनन-फानन में पुलिस की टीम लगाई गई और हालात को कंट्रोल किया गया.
जानकारी के अनुसार 12 दिन से चल रहे जूनियर रेजिडेंट के हड़ताल को लेकर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों ने आज सिंह द्वार पर जमकर विरोध प्रदर्शन किया. NSUI-बीएचयू इकाई के छात्रों ने मरीजों के जान के साथ खिलवाड़ करने के विरोध में जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों को लेकर आपत्ति दर्ज की. छात्रों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बीएचयू गेट पर बड़ी संख्या में पुलिस बल पहुंची.
NSUI-बीएचयू इकाई के छात्रों ने रेजिडेंट डाक्टरों के हड़ताल का विरोध करते हुए कहा कि यह हड़ताल भाजपा की साजिश है. इसीलिए पिछले 12 दिनों से चल रहे इस हड़ताल को रुकवाने में प्रशासन असफ़ल है. छात्रों ने कहा कि सर सुंदरलाल अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों ने इमरजेंसी वार्ड में भी काम करना छोड़ दिया है. यह तो अलाेकतांत्रिक और अमानवीय है.
छात्रों का कहना था कि यह सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवमानना है. मरीज प्रतिदिन डॉक्टरों की इस हड़ताल की वजह से परेशान हो रहे हैं. मरीजों की जान जोखिम में डालकर इस तरह से डॉक्टर विरोध कर अपनी समस्या का समाधान नही कर सकते. NSUI-बीएचयू इकाई के छात्रों ने कहा कि हम सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन से यह मांग करते हैं कि जल्द से जल्द इस हड़ताल को समाप्त कराया जाए.
छात्र संघ ने आगे कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को सुचारू रूप से बहाल किया जाए. अगर, हड़ताली डॉक्टर काम पर वापस नहीं आते हैं, तो उन पर ESMA और महामारी अधिनियम के तहत तत्काल कार्यवाही की जाए. बता दें कि नीट काउंसिलिंग को लेकर पिछले 12 दिनों से जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर है.
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इनपुट : विपिन सिंह