नीट काउंसलिंग में हो रही देरी के विरोध में फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन की अपील पर शनिवार को जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए. जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल पर जाने पर वार्डो में भर्ती मरीजों की परेशानी बढ़ गई और अनेकों मरीज बिना दिखाए वापस चले गए. सीनियर डॉक्टरों पर बोझ बढ़ गया है. जूनियर डॉक्टरों ने कैंडिल मार्च भी निकाला जूनियर डॉक्टरों ने सोमवार तक हड़ताल की घोषणा की है.
जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि IMSBHU के रेजिडेंट डॉक्टरो ने सुप्रीम कोर्ट से काफी समय से रुकी जीआर डॉक्टरों की नियुक्ति को जल्दी ही कराने की मांग को लेकर NEET-PG की काउंसिलिंग करने की गुहार लगाई है.
पिछले 1 साल बीत जाने के बाद भी NEET-PG परीक्षाओं की कांउसिलिंग -आरक्षण विवाद के चलते नही हो पा रही हैं, जिसकी वजह से रेजिडेंट डॉक्टरों को आगे प्रमोट न किये जाने की वजह से वे प्रशिक्षण नही प्राप्त कर पा रहे हैं. इसके विरोध में उन्होंने ओपीडी वार्ड में अपनी सेवाएं रोककर हाथ पे काली पट्टी बांध कर हड़ताल कर रहे हैं और देर रात हाथों में कैंडिल ले कर बीएचयू कैम्पस में मार्च किया.
गायिनी डिपार्टमेंट में जीआर डॉ उत्कर्ष त्रिपाठी ने बताया कि हम सिर्फ़ अपनी बात रखने के लिए यह हड़ताल कर रहे हैं. हमारा विरोध नही है. ये सिर्फ हमारी तकलीफ और पीड़ा है, हमारा दर्द ये है कि हम पिछले दो साल से फर्स्ट ईयर के बनकर काम कर रहे हैं. हमारी समस्या ये है कि इसकी वजह से हम आगे न तो प्रमोट हो पा रहे हैं न ही कुछ नया सिख पा रहे हैं. इसकी वजह से हम आगे चलकर भविष्य में कुछ कर नही पाएंगे समाज के लिए.
उन्होंने आगे कहा कि उच्चतम न्यायालय से ये गुहार है कि जल्द से जल्द इस प्रकिया को अमल कराकर नए एडमिशन दे, हमने हड़ताल भी मरीजों की तकलीफ को ध्यान में रखकर बस ओपीडी और वार्ड तक सीमित रखा है. बाकी की सेवाएं सुचारू रूप से चल रही हैं.
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल पर आईएमएस निदेशक बीआर मित्तल ने बताया कि जूनियर डॉक्टरों की समस्या का समाधान शासन स्तर पर होना है और मामला कोर्ट में चल रहा है हम छात्रों के हित में ही काम करेंगे.
इनपुट : विपिन सिंह