Varanasi: अगली बार आप जब वाराणसी आएं तो जगहों के नाम को लेकर कन्फ्यूज नहीं हों, क्योंकि शहर में जल्द ही कई सड़कें और मोहल्ले नए नामों से जाने जाएंगे. इसके लिए नगर निगम ने कवायद शुरू कर दी है. पार्षदों से भी इस संबंध में प्रस्ताव मांगे गए हैं. इनमें नई सड़क गिरजाघर मार्ग को भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान के नाम से पुकारा जाएगा.
इसके साथ ही फातमान रोड सरदार वल्लभ भाई पटेल और मकबूल आलम रोड बिरहा गायक पदम श्री हीरालाल यादव के नाम से पहचानी जाएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूर्व में हीरालाल यादव के नाम से सड़क के नामकरण की घोषणा कर चुके हैं.
वाराणसी के मेयर अशोक तिवारी ने बताया कि बनारस की विश्व में पहचान धार्मिक कारणों से है. ये प्राचीन शहर है. इसके अलावा खेल, साहित्य, शिक्षा सहित विभिन्न विधाओं को लेकर काशी ने पूरी दुनिया में पहचान बनाई है.
विभिन्न विधाओं को वैश्विक मंच तक लाने वालों में कई विभूतियों ने अपना योगदान दिया है. इनमें से कई को अपेक्षित पहचान नहीं मिली है. ऐसे में नगर निगम वाराणसी ने इन विभूतियों के नाम पर सड़कों और मोहल्लों के नामकरण पर विचार कर रहा है.
देखा जाए तो वाराणसी शहर में ऐसे भी कई मार्ग हैं, जिनके नाम से नई पीढ़ी अवगत नहीं है. अब नए नामकरण के बाद इन मार्गों को एक अलग पहचान मिलेगी. उन्होंने बताया कि अभी करीब छह मार्गों और मोहल्लों के नाम बदलने का फैसला किया गया है. पार्षद के साथ अनौपचारिक बैठक में इसकी सहमति ले ली गई है. इसके बाद अब नगर निगम अफसरों को प्रस्ताव बनाने का निर्देश देने की तैयारी है.
इस संबंध में प्रस्ताव को नगर निगम की आगामी बैठक में रखा जाएगा. मेयर के मुताबिक पार्षदों से अपने-अपने वार्डों की प्रमुख सड़कों के नामकरण के लिए सुझाव मांगे जाएंगे. सड़कों का नामकरण स्थानीय विभूतियों के नाम पर किया जाएगा. उन्होंने आया कि भोजूबीर मार्ग को राजर्षि उदय प्रताप जूदेव व पांडेयपुर आजमगढ़ मार्ग को मुंशी प्रेमचंद के नाम पर रखने की तैयारी है.
इसके साथ ही सारनाथ, लंका, मंडुवाडीह, सुंदरपुर, लहरतारा, कज्जाकपुरा आदि इलाकों की प्रमुख सड़कों के नाम बदलने पर नगर निगम जल्द निर्णय कर सकता है. इन सड़कों को किस विभूति के नाम के जरिए नई पहचान दी जा सकती है, इसके लिए विचार चल रहा है.
इसके साथ ही वाराणसी नगर निगम के जोन और सबजोन के नाम भी परिवर्तित किए जाएंगे. मेयर के मुताबिक पूर्व में जिन वार्डो के नाम बदले गए हैं, उससे वहां के स्थानों को विशेष पहचान मिली है. ऐसे में अब अन्य जगह भी इस तरह का निर्णय किया जा सकता है. मौलवीबाग को मालवीय नगर रखने का विचार है. महमूरगंज का नाम भी जल्द बदलने की तैयारी है.