Varanasi News: श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी परिसर स्थित मां श्रृंगार गौरी के सर्वे को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नही ले रहा है. 6 मई को होने वाले सर्वे और वीडियोग्राफी को लेकर प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के ज्वाइंट सेकेट्री एसएम यासीन के बायान से केस करने वाली महिलाएं चिंतित हैं. ज्वाइंट सेकेट्री के बयान से कोर्ट में केस करने वाली महिलाएं और उनके पैरोकार अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं. इसलिए उन्होंने प्रशासन से अनुरोध किया है कि सर्वे और वीडियोग्राफी तक उनके सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाए.
मामले की संजीदगी को देखते हुए वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट के 10 थानों की फोर्स और लोकल इंटेलिजेंस यूनिट को अतिरिक्ता सतर्कता के साथ माहौल पर नजर रखने के लिए कहा गया है. सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में एडीसीपी काशी जोन के कार्यालय पहुंची विश्व वैदिक सनातन धर्मसंघ की सदस्य सीता साहू ने कहा कि मां श्रृंगार गौरी हमारी आराध्य देवी हैं, हम उनका रोजाना दर्शन-पूजन करना चाहते हैं. इसके लिए हम 5 बहनों ने अदालत में मुकदमा दाखिल किया है. अदालत ने 6 मई को श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का आदेश दिया है. प्रतिवादी के बयानों को सुनकर हम अपनी सुरक्षा के संबंध में गुहार लगाने के लिए आए हैं. अदालत ने जो आदेश दिया है उसका पालन सभी को करना चाहिए.
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उन्होंने कहा कि प्रतिवादी पक्ष के बयान और दी जा रही चुनौती को सुन कर हम सुरक्षा के संबंध में प्रशासन से गुहार लगाने आए हैं. सोहनलाल आर्य ने बताया कि उन्होंने श्रृंगार गौरी के दर्शन-पूजन के लिए वर्ष 1995 में मुकदमा दाखिल किया था. इस समय वह 2021 में मुकदमा दाखिल करने वाली महिलाओं के पैरोकार हैं. मस्जिद कमेटी के ज्वाइंट सेकेट्री कहते हैं कि अदालत का आदेश उनके गले पर तलवार रखने जैसा है. इसके साथ ही वह रोजाना तरह-तरह की बयानबाजी करते हैं, इस वजह से एडवोकेट कमिश्नर के कमीशन की कार्रवाई के दौरान सुरक्षा व्यवस्था बहुत जरूरी है.
बता दें कि बीते साल अगस्त महीने में राखी सिंह, सीता साहू, मंजू व्यास सहित ने वाराणसी की अदालत में याचिका दाखिल की थी. पांचों महिलाओं ने मांग की है कि ज्ञानवापी परिसर स्थित मां श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की अनुमति दी जाए. वर्ष 1992 से पहले नियमित दर्शन-पूजन की व्यवस्था थी गणेश, हनुमान और नंदी सहित जिन भी देवी-देवताओं के विग्रह ज्ञानवापी परिसर में विद्यमान हैं. सर्वे करा कर उनकी स्थिति स्पष्ट की जाए. अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त कर 6 मई को ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कर 10 मई को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है.
रिपोर्ट – विपिन सिंह