वाराणसी में अस्सी घाट के इलाके में घरों की स्थिति बहुत ही भयावह हो चुकी हैं. गंगा किनारे गंगोत्री विहार कॉलोनी के करीब 30-35 घरों की दीवारें, छत, दरवाजे और फर्श अचानक से टूट रहे हैं. कई घरों के दरवाजे पूरी तरह से अलग हो चुके हैं. वहीं, कई घर तो बीचो-बीच से ऐसे फटे हैं कि 2 भाग में बंट चुके हैं.
इसकी वजह से यहां रहने वाले अबतक 10 परिवार पलायन कर चुके हैं. इन मकानों की यह स्थिति सीवेज का पानी निकालने के लिए लगी पाइपलाइन में लीकेज के कारण हो रहा है. नगर आयुक्त ने फिलहाल इस मामले की जांच कराते हुए इस समस्या को जल्द ही सुलझाने का आश्वसन दिया है.
कॉलोनी के घरों की स्थिति यह हो गई है कि छत भी अजीब ढंग से गिर गए हैं. सारे घरों की दीवारें टूट फुट सी गयी है. लोग डर के मारे घरों को छोड़कर दूसरी जगह शिफ्ट हो रहे हैं. अबतक10 घरों को लोग खाली कर चुके हैं. यहाँ 1991 में बना हुआ एक मकान पूरी तरह से टूट गया है. लोग जमीनों पर सोकर रात काट रहे हैं.
लोगो का कहना है कि देव दीपावली की रात यहां की जमीन के नीचे से गुजर रहे एक मोटी पाइपलाइन में लीकेज हुआ.उसके बाद यहां स्थिति और भी खराब हो रही है. छठ पूजा तक भी यहाँ- स्थिति कुछ हद तक ठीक थी,अचानक से दो दिन पहले यह सब हुआ है. नगर निगम में इसकी शिकायत की गई पर कोई सुनवाई नही हुई. स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां पर सीवेज का पानी निकालने के लिए पाइपलाइन डाली गई थी.
देव दीपावली की रात उसमें लीकेज हो गया था. यहीं बगल में अस्सी नदी जो अब नाला है उसका पानी गंगा में मिलता है उसके लिए रमना सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट है, जिससे सीवेज जल को साफ करके गंगा में छोड़ा जाता है. लीकेज हुआ तो कॉलोनीवासियों की शिकायत पर STP की पाइपलाइन से सप्लाई बंद कर दी. मगर, रात में फिर से चालू कर दिया गया. फिलहाल यहां के लोग अब नगर निगम के आश्वासन के भरोसे बैठे हैं.
इस पूरे मामले में प्रोजेक्ट मेनेजर ईएसएल पल्लव श्रीवास्तव ने कहा कि गंगोत्री कालोनी में बिछाई गई सीवर लाइन से कोई दिक्कत नही है. स्थानीय लोगो ने वेवजह प्लांट बन्द कराया है. गंगा के दो सौ मीटर के दायरे में मकान बनाया है. बाढ़ खत्म होने के बाद जमीन बैठ रही है. इसके कारण लोगो के घरों में दरारें पड़ रही है और छत और दीवारें फट रही है.
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रिपोर्ट : विपिन सिंह