Varanasi News: राम की नगरी अयोध्या और शिव की नगरी काशी का धार्मिक संबंध पहले से रहा है. अब काशी और अयोध्या का व्यावसायिक संबंध भी बन रहा है. वाराणसी के लकड़ी खिलौने उद्योग में अब राम दरबार की मूर्तियां भी बन रही हैं. काशी वैसे भी लकड़ी के खिलौने के लिए जाना जाता है, ऐसे में यहाँ के कारीगरों को राम दरबार बनाने का लगातार ऑर्डर मिलना उनके रोजगार के लिए चांदी है. आमदनी बढ़ने के साथ ही अन्य क़ई लोगों को इस रोजगार में प्रशिक्षण देने से उनकी भी अच्छी कमाई हो रही हैं.
ऐसे में जीआई टैग उत्पाद लकड़ी खिलौना की मांग से इस उद्योग को नया मुकाम मिल रहा है. राम की नगरी अयोध्या के साथ – साथ देश और विदेशों से भी आर्डर मिल रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा जीआई और ओडीओपी उत्पादों को उपहार में देने के अपील के बाद से बनारस के लकड़ी खिलौना उद्योग को काफी लाभ मिला है. कोरोना के बावजूद अगले एक साल तक के लिए ऑर्डर मिल चुका है.
काशी के हुनरमंद कारीगरों की लकड़ी पर उकेरी गई राम दरबार की मूर्तियों की मांग बढ़ी है. वाराणसी में आने वाले पर्यटक भी राम दरबार की मूर्तियों ख़ास पसंद कर रहे हैं. शिव की नगरी काशी में अयोध्या के रामदबार की मूर्तियों को लकड़ी पर उकेरा जा रहा है. पिछले कुछ समय से वाराणसी के लकड़ी उद्योग को काफी आर्डर मिल रहे हैं. राम दरबार की मांग ज्यादा आ रही है, लकड़ी ख़िलौना उद्योग से जुड़े लोगो का कहना है कि पर्यटकों को लकड़ी पर उकेरी गई राम दरबार की मूर्तियों को बेहद पसंद आ रही है.
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लकड़ी खिलौना उद्योग से जुड़ी शुभी अग्रवाल ने कहा कि प्रभु की कृपा है कि हमलोग को राम दरबार बनाने का यह सुअवसर प्राप्त हो रहा है. लगातार हमारे पास राम दरबार के ऑर्डर आ रहे हैं. इसके लिए हमलोगो ने 50 औरतों को प्रशिक्षण देना शुरू किया है ताकि इस ऑर्डर को हम पुरा कर सके. रत्न कुमार जो कि पिछले 33 सालों से लकड़ी के खिलौने तैयार कर रहे हैं. वे बताते हैं कि जिस भी प्रभु की मूर्ति रहती हैं उसमें उसी भाव से काम किया जाता है. ये मूर्तिया गुल्लर की लकड़ी से तैयार कर इसे डिको पेंट लगाया जाता है.
रीता प्रजापति जो कि राम दरबार की मूर्ति बनाने में संलग्न है वे बताती हैं कि 10 सालों से वे मूर्ति बनाने का कार्य कर रही हैं. एक राम दरबार बनाने में 1 हफ्ते से लेकर 10 दिन का समय लगता है. लगातार ऑर्डर मिल रहे हैं हमलोगो को इससे हमारी आमदनी में इज़ाफ़ा हो रहा है. हमें रोजगार मिल रहे हैं. इसकी वजह से हमलोग बहुत खुश हैं.