Varanasi News: काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह की बाहरी दीवारों को स्वर्णिण आभा से दमकाने का काम शुरू हो गया है. 10 दिन के भीतर गर्भगृह की बाहरी दीवारें भी स्वर्णमंडित हो जाएंगी. मन्दिर की बाहरी दीवारों पर भी गुरुवार की सुबह मंगला आरती के बाद से सोना लगाया जाने लगा है. इसमें बाबा विश्वनाथ के अनन्य भक्तों का सहयोग भी बखूबी मिल रहा है. इसी के तहत गर्भगृह की भीतरी दीवारों के बाद अब बाहरी दीवारों को भी स्वर्ण मंडित करने की योजना पर काम शुरू हो गया है.
काशी विश्वनाथ मंदिर के पहले से स्वर्णमंडित शिखर से नीचे गेट तक इसे लगाया जाएगा. मंदिर न्यास के अधिकारियों के मुताबिक 24 से 28 कुंतल सोना लगेगा. बाबा के गर्भ गृह की भीतरी दीवारें इसी वर्ष फरवरी में स्वर्णिम आभा से दमदमा चुकी हैं. बता दें कि पिछले दिनों एक दक्षिण भारतीय शिव भक्त ने बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह की भीतरी दीवारों को स्वर्ण मंडित करने की इच्छा जताई थी. जिस पर कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने स्वीकृति देते हुए सका वैज्ञानिक परीक्षण कराया.
दक्षिण भारतीय शिव भक्त के दान दिए सोने से गर्भगृह की भीतरी दीवारों पर सोना मढ़ा गया. अब उसी में से बचे सोने से गर्भगृह की बाहरी दीवारों को भी स्वर्ण मंडित किया जा रहा है. मुख्यकार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि यह काम दिल्ली की एक कंपनी कर रही है. उन्होंने बताया कि जमीन से नीचे आठ फीट ऊंचाई को छोड़कर ऊपरी हिस्से में सोना लगाया जाएगा. मंदिर अधिकारियों के मुताबिक गर्भगृह की बाहरी दीवार पर सोना मढ़ने के साथ चारों चौखट से चांदी हटाकर उसपर भी सोने की परत लगायी जाएगी.
विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह के अंदर की स्वर्णजड़ित दीवारों पर एक्रेलिक शीट (पारदर्शी फाइबर) लगा दी गई है. स्वर्णमंडित दीवारों को गंदगी व धुआं आदि से बचाने के लिए शीट लगाई जा रही है. जमीन से ऊपर आठ फीट की ऊंचाई तक सीट लगायी जा रही है. शीट लगने से सोना की आभा पर असर नहीं पड़ेगा. शाह सुजाउद्दौला से युद्ध में जीते गए सोने के एक तिहाई भाग को पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह ने बाबा के दरबार में अर्पित किया था. महाराजा रणजीत सिंह ने विश्वनाथ मंदिर के दो शिखरों को स्वर्णमंडित कराया था.