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कार्डियोलॉजी विभाग ने BHU अस्पताल के खिलाफ खोला मोर्चा, HOD ने कहा- नया फरमान मरीजों की बढ़ाएगी परेशानी

Varanasi News: कार्डियोलॉजी विभाग ने BHU अस्पताल के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए अस्पताल प्रशासन पर मरीज़ो को लेकर कुछ सवाल उठाये हैं. इन सवालों को मीडिया के सामने रखने के लिए ह्रदय रोग विभाग HOD प्रोफेसर ओमशंकर ने प्रेस वार्ता बुलाई.

Varanasi News: कार्डियोलॉजी विभाग ने BHU अस्पताल के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए अस्पताल प्रशासन पर मरीज़ो को लेकर कुछ सवाल उठाये हैं. इन सवालों को मीडिया के सामने रखने के लिए ह्रदय रोग विभाग के HOD प्रोफेसर ओमशंकर ने प्रेस वार्ता बुलाई. उन्होंने कहा कि क्या BHU अस्पताल के ह्रदय रोग विभाग में केवल 24 मरीजों का ही इलाज होगा? मरीजों के भारी दबाव के बावजूद बेड की संख्या क्यों कम की जा रही है. पुरानी बिल्डिंग में ऑपरेशन थिएटर की मशीनें खराब है, हम मरीजों की सर्जरी कैसे करें.

BHU ह्रदय रोग विभाग विभागाध्यक्ष प्रोफेसर ओमशंकर ने कहा कि जहां नई ओटी बनी है उस कक्ष पर ताला जड़ दिया गया है. सारी नई मशीनें उसमें बंद है, मरीजों के इलाज के लिए उसे कब खोला जाएगा. इन प्रश्नों को प्रेस वार्ता में रखते हुए अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग में सर्जरी का काम प्रभावित होने की बात कही. इस मुद्दे पर कार्डियोलॉजी के कई डॉक्टर प्रो. ओमशंकर के सपोर्ट में आ गए हैं. उनका कहना है कि अस्पताल प्रशासन का नया फरमान लागू हुआ तो अब BHU में महज 24 ह्रदय रोगियों को ही एक बार में भर्ती कर पाएंगे.

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प्रोफेसर ओमशंकर का कहना है कि अस्पताल की नई बिल्डिंग शताब्दी सुपरस्पेशियलिटी ब्लॉक में शिफ्ट किए गए कैथ लैब को चालू नहीं किया जा रहा है. वहीं पुरानी बिल्डिंग में ओटी की मशीन खराब होने से मरीजों की सर्जरी नहीं हो पा रही है. प्रो. ओमशंकर ने कहा कि इमरजेंसी के हालात हो गए हैं. हम मरीजों का ऑपरेशन कहां करें। इस मुद्दे को लेकर प्रो. ओमशंकर​​​​ ​और अस्पताल प्रशासन के बीच काफी दिनों से इसके लिए खींचतान चल रही है.

प्रो. ओमशंकर ने कहा कि अभी कार्डियोलॉजी विभाग के पास मरीजों को भर्ती करने के लिए 30 बेड हैं।. वहीं नई एसएसबी बिल्डिंग में 24 नए बेड तैयार हैं. इस पर अस्पताल के एमएस ऑफिस का कहना है कि आप 24 बेड में ही काम चलाएं. पुरानी बिल्डिंग में मौजूद 30 बेड मेडिसिन डिपार्टमेंट को सौंप दिया जाए. प्रो. ओमशंकर ने कहा कि मेडिसीन को अभी 105 बेड की जरूरत है. जबकि, उनके पास अभी 90 बेड हैं. प्रो. ओमशंकर की मांग है कि वह पुरानी बिल्डिंग में अपनी जगह नहीं छोड़ेंगे और उन्हें एसएसबी बिल्डिंग के भी 24 बेड दिए जाए. यानी कि अब कुल 54 बेड हो. नहीं तो वह दिन दूर नहीं जब यूपी-बिहार, एमपी और नेपाल के मरीज दिल का इलाज कराने लखनऊ, दिल्ली और मुंबई जाएंगे. नई बिल्डिंग में कैथ लैब और वार्ड को तत्काल खोला जाए. साथ ही यहां खराब मशीनों को तत्काल बदला जाए.

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