Varanasi News: पूर्वात्य शिक्षा और संस्कृत से संबंधित विषयों पर उच्च शिक्षा का अध्ययन देने वाले संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में एमए हिंदू पाठ्यक्रम की शिक्षा का पूरा खाका तैयार कर लिया गया है. इस दो वर्षीय पाठ्यक्रम में दाखिले की प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू की जाएगी. विश्वविद्यालय में शुरू होने वाला यह पाठ्यक्रम हिंदू धर्म के वैशिष्ट्य और परंपरा पर आधारित है. नई शिक्षा नीति के अनुसार तैयार किए गए पाठ्यक्रम में पाश्चात्य दार्शनिकों का तुलनात्मक विवेचन प्रस्तुत की गई है.
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विवि के कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने बताया पाठ्यक्रम को काशी हिंदू विश्वविद्यालय और लाल बहादुर शास्त्री केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय (नई दिल्ली) के पाठ्यक्रमों की समीक्षा के बाद तैयार किया गया. है. अभी कुलाधिपति से विचार-विमर्श बाकी है. पूरा पाठ्यक्रम हिंदू धर्म के वैशिष्ट्य एवं परंपराओं पर आधारित है.
इसमें तत्व, प्रमाण-विमर्श, वाद परंपरा और शास्त्रों के अर्थ निर्धारण की पद्धति, भारतीय दर्शन (शास्त्रार्थ), वेदों, पुराणों एवं दर्शन के सार तत्व, पाश्चात्य ज्ञान मीमांसा, रामायण, महाभारत, स्थापत्य, लोकवार्ता, हिंदू कला, नाट्य एवं भाषा विज्ञान, सैन्य विज्ञान विषयों को रखा गया है.
प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि पाठ्यक्रम में नई शिक्षा नीति के अंतर्गत ही पूरा खाका तैयार किया गया है. इस पाठ्यक्रम में छात्रों को प्रवेश भी इसी के अंतर्गत दिया जाएगा. इसमे पाश्चात्य दार्शनिकों का तुलनात्मक विवेचन करने के साथ ही पेपर चयन करने का विकल्प भी है. यह पूरा पाठ्यक्रम दौ वर्ष और 4 सेमेस्टर में बांटा गया है. इसमें प्रत्येक सेमेस्टर में चार-चार प्रश्न पत्र आएंगे. इसमें कुल 100-100 अंकों के होंगे.
(रिपोर्ट: विपिन सिंह, वाराणसी)