Varanasi News: वाराणासी पुलिस कमिश्नरेट के सराहनीय कार्य प्रणाली की जितनी प्रशंसा की जाए कम है. चुनौतियों से भरे इस प्रोफेशन में पुलिस का मसीहा बनकर पेश आने वाला चेहरा जब कभी देखने को मिलता है तो प्रशंसा के बोल कुछ इसी तरह से निकल पड़ते हैं. दरअसल, काशी विश्वनाथ के दर्शनों के लिए बिहार से आये एक परिवार का 2 लाख रुपयों से भरा कीमती सूटकेस जल्दीबाजी में काशीपुरा पर ही छूट गया. जिसे पुलिस की सक्रियता दिखाते हुए पीड़ित परिजनों तक तत्काल व सुरक्षित पहुंचा दिया गया.
पुलिस की इस कार्यशैली ने उन बातों को गलत ठहरा दिया, जहां लोगो को पुलिसकर्मियों की लेटलतीफी और ईमानदारी पर शक करने की क़ई वजहें गिनाई जाती हैं. पीड़ित परिवार तक उनका कीमती सामान इतनी जल्दी पहुंचना यह दर्शाता है कि कुछ पुलिसकर्मियों को छोड़ दे तो आज भी समाज के प्रहरी के रूप में नागरिकों की सच्ची मित्र पुलिस ही है.
15 अप्रैल को काशी विश्वनाथ जी दर्शन करने के लिए हरेंद्र सिंह पुत्र उमा शंकर सिंह निवासी ग्राम पोस्ट सोन बसरा थाना जे वी नगर तरवश जिला सिवान बिहार सपरिवार वाराणसी पहुंचे थे. यहां दर्शन पूजन के पश्चात उनको राजधानी एक्सप्रेस से दिल्ली जाना था. लगभग 21:30 बजे ऑटो रिक्शा पकड़ते समय जल्द बाजी में उनका एक सूटकेस छूट गया और सभी रेलवे स्टेशन चले गए. लावारिस हालत में पड़े सूटकेस को देखकर काशीपुरा क्षेत्र के लोगो ने अनहोनी की आशंका से स्थानीय पुलिस को सूचित किया.
सूचना पाकर पहुँचे चौकी प्रभारी एवं अन्य पुलिस बल ने जब सूटकेस को सुरक्षात्मक जांच करने के उपरांत थाना स्थानीय पर लाकर खोल कर देखा गया तो उसमे कीमती आभूषण व नगद रुपये भरे थे. 70000 रुपए नगद , एक सोने की अंगूठी, एक सोने का सिक्का, चांदी का एक सिक्का 50ग्राम, इतने कीमती सामानों के साथ सूटकेस में ही रखा एक मोबाइल नम्बर भी मिला. जिससे सूटकेस के मालिक के बारे में जानकारी प्राप्त किया गया और संपर्क कर थाने पर बुलाया गया. अटैची में रखे सामानों की कीमत लगभग 2 लाख रुपए , थी अपना सामान पाने के उपरांत हरेंद्र सिंह व उनके परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गयी.