PM Modi Kashi Visit: 13 दिसंबर को पीएम नरेंद्र मोदी काशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण के लिए दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे थे. इस दौरान पीएम मोदी और काशी विश्वनाथ धाम की कई तसवीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई थीं. उन्हीं में एक तसवीर है उस लड़की की, जिसके कदम पीएम मोदी ने छुए थे. पीएम मोदी की खास तसवीर को लोगों ने भी पसंद किया और लड़की के घरवालों ने भी.
पीएम मोदी 14 दिसंबर को काशी से रवानगी के पहले तक कई कार्यक्रमों में शामिल हुए. कई लोगों से उन्होंने मुलाकात की और बातचीत भी किया. आज हम आपको पीएम मोदी की ऐसी तसवीर दिखाते हैं, जिसे देखकर आपका दिल भर जाएगा. तसवीर में पीएम मोदी एक दिव्यांग महिला के पैरों पर झुककर प्रणाम कर रहे हैं. यह तस्वीर पीएम नरेंद्र मोदी के उस व्यक्तित्व को दर्शाती है, जिसमें महिलाओं के लिए सम्मान और मानवता की सहृदयता, दोनों का भाव देखने को मिलता है.
जब पीएम मोदी काशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण करने पहुंचे थे, उसी दौरान धाम परिसर में वो वाराणसी की एक दिव्यांग महिला से मिले. इस दौरान महिला ने पीएम नरेंद्र मोदी के चरण स्पर्श करने की कोशिश. पीएम मोदी ने उन्हें रोका और खुद महिला के पैरों पर झुक गए और प्रणाम किया. जिस महिला के साथ यह घटना हुई वो वाराणसी के सिगरा क्षेत्र की निवासी शिखा रस्तोगी हैं. शिखा रस्तोगी के लिए वो क्षण अविस्मरणीय हो गया. उस पल को याद करके शिखा रस्तोगी की आंखें नम हो जाती हैं. देश के पीएम नरेंद्र मोदी उनके चरण स्पर्श कर उन्हें इतना सम्मान दे रहे हैं, इससे शिखा रस्तोगी खुद को सौभाग्यशाली मानती हैं. शिखा रस्तोगी आज भी उस पल को याद करके भावुक हो जाती हैं.
शिखा रस्तोगी के मुताबिक पीएम से उनकी दूसरी मुलाकात थी. उन्होंने मुझे देखते ही पहचान लिया था. हालचाल लेने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि मैंने आपके लिए विश्वनाथ कॉरिडोर में दुकान आवंटित कर दी है. पीएम द्वारा पैर छूने की तसवीरों जब शिखा के भाई ने पिता विजय रस्तोगी और माता वीणा रस्तोगी को दिखाई तो दोनों की आंखें भर आई. उन्होंने कहा कि आज हमारी बिटिया का जन्म सफल हो गया है. शिखा रस्तोगी की शिक्षा-दीक्षा हाईस्कूल तक हुई है. वो घर पर ही सिलाई, बुनाई के साथ ही डांस का प्रशिक्षण क्लास चलाती हैं. शिखा रस्तोगी ने अपने बुलंद हौसलों के साथ दिव्यांगता को पीछे छोड़कर आत्मनिर्भरता की सीख दी है.
पीएम मोदी से मिले सम्मान ने शिखा रस्तोगी के साथ-साथ उनके जैसे प्रत्येक व्यक्ति को यह संदेश दिया कि शारीरिक दिव्यांगता कोई कमी नहीं होती है, यह सिर्फ मन का विकार होता है, जिसे दूर किया जा सकता है. दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है. हमें अपने आत्मविश्वास के साथ अपनी लड़ाई स्वयं लड़नी होती है. उसके बाद पूरी दुनिया हमारी काबिलियत और हुनर को समझेगी. शिखा के भाई विशाल रस्तोगी ने कहा कि मुझे अपनी बहन पर गर्व है. मैं, जिनके भी घर में दिव्यांग हैं, उनसे अपील करना चाहता हूं कि दिव्यांगों को कमजोर नहीं समझें. उनका हौसला बुलंद करें. उनको आगे बढ़ाएं.
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