सिर्फ 30 दिन की पेरोल पर हजारीबाग सेंट्रल जेल से बाहर निकला मुजरिम पूरे 18 महीने बाद जेल वापस पहुंचा. वह मुजरिम है विशाल सिंह जिसके उपर हजारीबाग सिविल कोर्ट परिसर में गैंगवार में हत्या का आरोप है. विशाल सिंह कोविड-19 से बचाव के नाम पर दिये गये सिर्फ 30 दिनों के पेरोल पर छह अक्तूबर 2021 को हजारीबाग सेंट्रल जेल से बाहर निकला था. लेकिन 22 अप्रैल, 2023 को वापस जेल पहुंचा.
और यह पहली बार नहीं है. इससे पहले भी वह कोविड-19 के नाम पर 90 दिन के पेरोल पर था. कोविड-19 से बचाव के नाम पर जेल से बाहर इतने लंबे समय तक रहनेवाला राज्य का वह इकलौता मुजरिम है. पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह, पूर्व मंत्री एनोस एक्का सरीखे सजायाफ्ता कैदी भी कोविड के नाम पर सिर्फ 90 दिनों तक ही जेल से बाहर रह सके थे. इसी से जेल प्रशासन पर विशाल सिंह के प्रभाव को समझा जा सकता है. उसे पेरोल देने के लिए तत्कालीन कारा महानिरीक्षक बीरेंद्र भूषण अपने विशेषाधिकार तक का इस्तेमाल कर चुके हैं. आपको हजारीबाग की सिविल कोर्ट परिसर की वह घटना तो याद ही होगी जब दो जून 2015 को गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव को पेशी के लिए पुलिस सुरक्षा के बीच कोर्ट लाया गया था. इस दौरान पांडेय गिरोह के सदस्यों ने कोर्ट परिसर में हमला कर गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव और उसके दो सहयोगियों – ग्यासुद्दीन और कलाम खान की हत्या कर दी. इस हत्याकांड में एके-47 का इस्तेमाल किया गया था. कोर्ट परिसर में हुए इस गैंगवार के मामले में सत्र न्यायालय ने 22 सितंबर 2020 को विकास तिवारी, विशाल सिंह सहित पांच लोगों को सजा सुनायी.