झारखंड में नक्सलियों का बड़ा हमला : 27 खनन गाड़ियों में लगायी आग 11 करोड़ का नुकसान

झारखंड में लगातार नक्सली घटनाएं तेज हो रही है. नक्सलियों ने बिशुनपुर ब्लॉक के कुजाम माइंस में बड़ा नक्सली हमला किया है. घने जंगलों से होता हुआ यह रास्ता बॉक्साइट माइंस की तरफ जाता है. ऐसा माना जा रहा है कि यह झारखंड राज्य की सबसे बड़ी घटना है जिसमें एक साथ 27 गाड़ियों को जलाया दिया गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 8, 2022 1:53 PM

झारखंड में नक्सलियों का बड़ा हमला : 27 खनन गाड़ियों में लगायी आग 11 करोड़ का नुकसान

झारखंड में लगातार नक्सली घटनाएं तेज हो रही है. नक्सलियों ने बिशुनपुर ब्लॉक के कुजाम माइंस में बड़ा नक्सली हमला किया है. घने जंगलों से होता हुआ यह रास्ता बॉक्साइट माइंस की तरफ जाता है. ऐसा माना जा रहा है कि यह झारखंड राज्य की सबसे बड़ी घटना है जिसमें एक साथ 27 गाड़ियों को जलाया दिया गया है. बिशुनपुर ब्लॉक के कुजाम माइंस में भाकपा माओवादी के नक्सलियों ने हमला कर 27 बॉक्साइट गाड़ियों को जला दिया. भाकपा माओवादी की संख्या 45 से 50 बतायी जा रही है.

इस नक्सली हमले से तकरीबन करीब 11 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. नक्सलियों ने यहां दर्जन मजदूरों की पिटाई भी की घटना को अंजाम देने के बाद माइंस में बॉक्साइट खनन कार्य बंद करा दिया गया है. नक्सलियों ने पोस्टर भी चिपकाए है. जिसमें जंगल उजाड़ने, पुलिस पिकेट बंद करने, प्रदूषण फैलाने सहित कई अन्य आरोप लगाया है.

घटना के बाद मजदूर दहशत में हैं। माइंस का लोडिंग व अनलोडिंग व उत्खनन का काम बंद है। घटना के 12 घंटे बाद गुमला पुलिस घटनास्थल पर पहुंची. घटना शुक्रवार रात की बतायी जा रही है. नक्सलियों ने सबसे पहले यहां पहुंचकर यहां काम कर रहे लोगों को बंधक बनाया. कुछ मजदूरों के साथ मारपीट भी की और चेतावनी दी कि खनन कार्य को बंद किया जाये. मैनेजर उत्तम गांगूल ने बताया कि कैसे उन्हें इस घटना की जानकारी मिली.

घटना की जानकारी मिलने केबाद सुरक्षा बलों ने सर्च अभियान तेज कर दिया है. नक्सलियों ना सिर्फ गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया बल्कि मजदूरों के रहने के लिए बने शेड में भी तोड़फोड़ की है. इस घटना के बाद मजदूर दहशत में है. यहां मौजूद अधिकारियों ने कहा है कि यह माइंस अभी बंद रहेगा. आगे हिंडाल्कों के अधिकारी फैसला करेंगे कि इसका संचालन किस तरह किया जाना है.

नक्सलियों ने पेड़ पर सटे एक पोस्टर में कंपनियों को चेतावनी देते हुए लिखा है, खनन की वजह से जंगल उजड़ रहे हैं, पर्यावरण पर असर पड़ रहा है और यहां के स्थानीय लोगों को जरूरी सुविधाओं से मरहूम रखा जा रहा है. उनके अधिकारों का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है. खनन का कार्य बंद करो अन्यथा गंभीर परिणाम भूगतने होंगे. यहां मौजूद पुलिस पुकेट को भी बंद करने का आदेश दिया गया है. जमीन मालिकों को प्रति एकड़ दस लाख रुपये देने की भी मांग की गयी है. खनन के लिए मशीनों का नहीं मजदूरों का इस्तेमाल करने की बात भी नक्सलियों ने अपने इस पोस्टर में लिखी है. विस्थापित परिवार को जमीन के बदले जमीन देने और मजदूरों को संबोधित करते हुए यह भी लिखा गया है कि जबतक हमारी पार्टी इजाजत नहीं देती आप खनन का कार्य नहीं करेंगे.

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