बिहार बाढ़: राज्य के 16 जिलों की 70 लाख से ज्यादा की आबादी पर बाढ़ का असर
बाढ़ और बिहार. हर साल मानसून के समय में उत्तर बिहार बाढ़ की विनाशलीला का गवाह बनता है. इस बार भी बिहार में बाढ़ का कहर है. राजधानी पटना तक में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है. हर गुजरते दिन के बाढ़ का खौफ बढ़ता जा रहा है. हालात यह है कि राज्य की 70 लाख से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित है. वहीं बाढ़ ने लोगों से साथ ही ट्रेन परिचालन पर भी असर डाला है. बिहार में बाढ़ ने 24 दूसरी पंचायतों को प्रभावित कर दिया है. राज्य के 16 जिलों के 125 प्रखंडों की 1,223 पंचायतों में बाढ़ का असर है. इसके कारण करीब 73 लाख आबादी परेशान है. 5 लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है.
बाढ़ और बिहार. हर साल मानसून के समय में उत्तर बिहार बाढ़ की विनाशलीला का गवाह बनता है. इस बार भी बिहार में बाढ़ का कहर है. राजधानी पटना तक में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है. हर गुजरते दिन के बाढ़ का खौफ बढ़ता जा रहा है. हालात यह है कि राज्य की 70 लाख से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित है. वहीं बाढ़ ने लोगों से साथ ही ट्रेन परिचालन पर भी असर डाला है. बिहार में बाढ़ ने 24 दूसरी पंचायतों को प्रभावित कर दिया है. राज्य के 16 जिलों के 125 प्रखंडों की 1,223 पंचायतों में बाढ़ का असर है. इसके कारण करीब 73 लाख आबादी परेशान है. 5 लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है. सामुदायिक किचेन के जरिए 9 लाख से ज्यादा लोगों को खाना दिया जा रहा है. आपदा प्रबंधन विभाग का कहना है कि राज्य में बढ़ते बाढ़ के कहर को देखते हुए राहत और बचाव कार्य चलाये जा रहे हैं. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम बचाव और राहत कार्यों में लगी हुई हैं. बाढ़ के कारण लोगों को तमाम मुश्किलें हो रही हैं. दूसरी तरफ ट्रेन के परिचालन पर भी असर हुआ है. बाढ़ के बढ़ते कहर के बीच समस्तीपुर रूट पर ट्रेनों के परिचालन पर असर पड़ा है. इसके कारण बिहार संपर्क क्रांति समेत चार ट्रेन का रूट अगले आदेश तक बदल दिया गया है. अब सभी ट्रेन सीतामढ़ी होकर जा रही हैं. दरअसल, बिहार में हर साल बाढ़ आने के दौरान काफी भयावह तस्वीरें सामने आती हैं. बाढ़ का सीधा कनेक्शन नेपाल की भौगोलिक स्थिति से है. बिहार के पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज नेपाल से सटे हैं. नेपाल के पहाड़ी इलाकों में बारिश होने के बाद नदियां उफान पर आती हैं और बिहार में आने वाली नदियां बाढ़ के रूप में कहर मचाती हैं.