ग्रामीण विकास विभाग के सस्पेंड चीफ इंजीनियर बीरेंद्र राम के पारिवारिक सदस्यों ने गाजर, मूली और सब्जी बेची. सिर्फ इतना ही नहीं उनके नाप पर करोड़ो की प्रॉपर्टी बच्चों ने ट्यूशन पढ़ा कर जमा किए हैं. हजारों की टीशर्ट एक बार पहन कर फेक देने वाले उनके तीनों बेटों ने कंप्यूटर जॉब किया और ट्यूशन पढ़ाया. बीरेंद्र राम ने दावा किया था कि उसके परिवार ने करोड़ों रुपये की कमाई इन्हीं सब से की. बीरेंद्र राम और उनके बेटों के नाम पर दायर आयकर रिटर्न से यह जानकारी मिली है.
बीरेंद्र राम ने टेंडर से होने वाली काली कमाई के पैसों को वैध करार देने के लिए आयकर रिटर्न में अपने परिवार और बेटों की आमदनी के रूप में दिखाना शुरू किया. बीरेंद्र राम के बेटे अंकुर ने वर्ष 2014-15 से ही ट्यूशन पढ़ा कर कमाना और रिटर्न दाखिल करना शुरू कर दिया. 2014-15 में उसने ट्यूशन पढ़ा कर 2.83 लाख रुपये कमाये थे. कंप्यूटर जॉब और ट्यूशन से उसकी आमदनी लगातार बढ़ती गयी. 2017-18 में उसने 3.48 लाख रुपये की आमदनी का रिटर्न दाखिल किया. यही स्थिती बीरेंद्र के बाकी दोनों बेटों की है. आर्यन ने भी 2014-15 से ही कमाना शुरू कर दिया था. 2014-15 में उसने भी ट्यूशन पढ़ा कर अपने भाई अंकुर के बराबर ही यानी 2.83 लाख रुपये कमाये थे.