झारखंड सरकार में मंत्री आलमगीर आलम को इडी ने दो दिनों तक लगातार पूछताछ करने के बाद बुधवार शाम 6 बजे गिरफ्तार कर लिया था. गिरफ्तारी के बाद पूरे झारखंड की राजनीति में एक बार फिर से हलचल बढ़ गइ है. इसकी कड़ी निलंबित चीफ इंजीनियर बीरेंद्र राम से जोड़ा जा रहा है. लेकिन ये कहानी 2023 की छापेमारी से नहीं बल्कि 2019 में एसीबी के हाथों घूसखोरी में गिरफ्तार एक जेई से शुरू होती है. एसीबी की टीम ने 2019 में एक जेई को 10 हजार घूस लेते गिरफ्तार किया था. इस गिरफ्तारी के बाद पता चला कि इंजीनियर ने 10 हजार नहीं बल्कि ठेकेदार से 1 लाख मांगे थे. जांच बढ़ी तो जिस आवास पर जेई रह रहा था वहां से ढ़ाई करोड़ रूपये बरामद किए गए. बाद में पता चलता है कि पैसे और घर चीफ इंजीनियर बीरेंद्र राम के हैं. इस बाद 6 मई को इडी ने फिर रेड मारी. इस रेड में 35 करोड़ से अधिक कैश जब्त किया गया. इसका भी सीधा संबंध मंत्री के आप्त सचिव से निकला. और अब पूछताछ में आप्त सचिव ने ये बात मान ली की पैसे मंत्री के ही थे.
Jharkhand : 10 हज़ार के घूस से लेकर मंत्री की गिरफ्तारी तक, ईडी ने ऐसे जोड़े तार
10 हजार की रिश्वत से शुरू होती है मंत्री के गिरप्ऊ्तारी की कहानी. 2019 से जोड़ा गया मंत्री के गिरफ्तारी के तार
By Raj Lakshmi
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