झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (जेटेट) नियमावली को विधि एवं वित्त विभाग से स्वीकृति मिल गयी है. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने संशोधित नियमावली वित्त, विधि एवं कार्मिक विभाग को भेजा था. कार्मिक विभाग से स्वीकृति के बाद इसे कैबिनेट की स्वीकृति के लिए भेजा जायेगा.
उम्मीद है कि सितंबर में झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित की जायेगी. झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा में शामिल होने के लिए अभ्यर्थी का झारखंड से मैट्रिक और इंटर की परीक्षा पास होना अनिवार्य होगा. आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को इससे छूट दी गयी है. पहले दूसरे राज्य के अभ्यर्थी भी झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा में शामिल होते थे. सरकार के इस फैसले को लेकर हमने झारखंड के कुछ छात्रों से प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की है.
झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा ली जायेगी. राज्य में पिछली पात्रता परीक्षा वर्ष 2016 में हुई थी. पिछले पांच वर्ष से राज्य में शिक्षक पात्रता परीक्षा नहीं हुई है. जबकि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत प्रति वर्ष पात्रता परीक्षा लेने का प्रावधान है. शिक्षक पात्रता परीक्षा नहीं होने के कारण पांच वर्ष से राज्य में प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थी शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने की योग्यता हासिल नहीं कर पाये हैं
राज्य में पिछली नियमावली-2019 में बनायी गयी थी. नियमावली बनने के बाद स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग ने परीक्षा लेने के लिए जैक को प्रस्ताव भेजा था. इसके बाद काउंसिल ने नियमावली के कुछ बिंदुओं पर विभाग से दिशा-निर्देश मांगा था. जिसके बाद नियमावली में संशोधन की प्रक्रिया शुरू हुई थी. राज्य सरकार द्वारा प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में शिक्षकों के 71 हजार पद सृजित किये जा रहे हैं. पात्रता परीक्षा लेने के बाद इन 71 हजार पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू हो जायेगी.
झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा नियमावली में किये गये बदलाव के अनुरूप अब प्रमाण पत्र की मान्यता आजीवन होगी. पूर्व में प्रमाण पत्र की मान्यता की अवधि सात वर्ष ही थी. पिछले दिनों केंद्र सरकार द्वारा इसमें बदलाव किया गया था. जिसके बाद राज्य सरकार ने भी प्रमाण पत्र की मान्यता अवधि में बदलाव किया है.
पात्रता परीक्षा नियमावली में अभ्यर्थियों के पास मार्क्स में भी बदलाव किया गया है. संशोधित नियमावली के अनुसार, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए अब 50 फीसदी अंक लाना अनिवार्य होगा. अन्य वर्ग के अभ्यर्थियों के पास मार्क्स पूर्व की भांति रहेगा.
शिक्षक पात्रता परीक्षा नियमावली 2019 में उर्दू शिक्षकों के लिए अंग्रेजी 30 एवं उर्दू के लिए 20 अंक की परीक्षा निर्धारित की गयी थी. परंतु अब अंक में बदलाव किया गया है. उर्दू और अंग्रेजी दोनों भाषा की परीक्षा अब 25 -25 अंकों की होगी. इसके अलावा विज्ञान के विभिन्न विषयों के अंक निर्धारण में भी एकरूपता लायी गयी है.