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Chaitra Navratri 2021 के दौरान पढ़ें ये Durga Chalisa Aarti, घर आएगी सुख-समृद्धि, शत्रुओं का होगा नाश

Chaitra Navratri 2021, Durga Chalisa Aarti: चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व 13 अप्रैल से शुरू हो रहा है. नौ दिनों तक चलने वाले इस त्योहार में भक्त माता को खुश करने के लिए नवरात्रि के व्रत रखते है, मां दुर्गा की आराधना करते है, इस दिन मां दुर्गा की पूजा की जाती है और मंत्रों का जाप किया जाता है. वैसे तो मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए बहुत से भजन और जाप किये जाते, पर इन सब मे दुर्गा चालीसा का विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, नवरात्रि के समय दुर्गा चालीसा का पाठ करने से भक्तों के घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है साथ में उनके सभी कष्ट दूर होते हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 13, 2021 5:46 AM

Durga Chalisa with Lyrics By Anuradha Paudwal [Full Song] I DURGA CHALISA DURGA KAWACH

Chaitra Navratri 2021, Durga Chalisa Aarti: चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व 13 अप्रैल से शुरू हो रहा है. नौ दिनों तक चलने वाले इस त्योहार में भक्त माता को खुश करने के लिए नवरात्रि के व्रत रखते है, मां दुर्गा की आराधना करते है, इस दिन मां दुर्गा की पूजा की जाती है और मंत्रों का जाप किया जाता है. वैसे तो मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए बहुत से भजन और जाप किये जाते, पर इन सब मे दुर्गा चालीसा का विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, नवरात्रि के समय दुर्गा चालीसा का पाठ करने से भक्तों के घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है साथ में उनके सभी कष्ट दूर होते हैं.

दुर्गा चालीसा

नमो नमो दुर्गे सुख करनी।

नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥

निरंकार है ज्योति तुम्हारी।

तिहूं लोक फैली उजियारी॥

शशि ललाट मुख महाविशाला।

नेत्र लाल भृकुटि विकराला॥

रूप मातु को अधिक सुहावे।

दरश करत जन अति सुख पावे॥

तुम संसार शक्ति लै कीना।

पालन हेतु अन्न धन दीना॥

अन्नपूर्णा हुई जग पाला।

तुम ही आदि सुन्दरी बाला॥

प्रलयकाल सब नाशन हारी।

तुम गौरी शिवशंकर प्यारी॥

शिव योगी तुम्हरे गुण गावें।

ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें॥

रूप सरस्वती को तुम धारा।

दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा॥

धरयो रूप नरसिंह को अम्बा।

परगट भई फाड़कर खम्बा॥

रक्षा करि प्रह्लाद बचायो।

हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो॥

लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं।

श्री नारायण अंग समाहीं॥

क्षीरसिन्धु में करत विलासा।

दयासिन्धु दीजै मन आसा॥

हिंगलाज में तुम्हीं भवानी।

महिमा अमित न जात बखानी॥

मातंगी अरु धूमावति माता।

भुवनेश्वरी बगला सुख दाता॥

श्री भैरव तारा जग तारिणी।

छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी॥

केहरि वाहन सोह भवानी।

लांगुर वीर चलत अगवानी॥

कर में खप्पर खड्ग विराजै।

जाको देख काल डर भाजै॥

सोहै अस्त्र और त्रिशूला।

जाते उठत शत्रु हिय शूला॥

नगरकोट में तुम्हीं विराजत।

तिहुंलोक में डंका बाजत॥

शुंभ निशुंभ दानव तुम मारे।

रक्तबीज शंखन संहारे॥

महिषासुर नृप अति अभिमानी।

जेहि अघ भार मही अकुलानी॥

रूप कराल कालिका धारा।

सेन सहित तुम तिहि संहारा॥

परी गाढ़ संतन पर जब जब।

भई सहाय मातु तुम तब तब॥

अमरपुरी अरु बासव लोका।

तब महिमा सब रहें अशोका॥

ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी।

तुम्हें सदा पूजें नर-नारी॥

प्रेम भक्ति से जो यश गावें।

दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें॥

ध्यावे तुम्हें जो नर मन लाई।

जन्म-मरण ताकौ छुटि जाई॥

जोगी सुर मुनि कहत पुकारी।

योग न हो बिन शक्ति तुम्हारी॥

शंकर आचारज तप कीनो।

काम अरु क्रोध जीति सब लीनो॥

निशिदिन ध्यान धरो शंकर को।

काहु काल नहिं सुमिरो तुमको॥

शक्ति रूप का मरम न पायो।

शक्ति गई तब मन पछितायो॥

शरणागत हुई कीर्ति बखानी।

जय जय जय जगदम्ब भवानी॥

भई प्रसन्न आदि जगदम्बा।

दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा॥

मोको मातु कष्ट अति घेरो।

तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो॥

आशा तृष्णा निपट सतावें।

रिपू मुरख मौही डरपावे॥

शत्रु नाश कीजै महारानी।

सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी॥

करो कृपा हे मातु दयाला।

ऋद्धि-सिद्धि दै करहु निहाला।

जब लगि जिऊं दया फल पाऊं ।

तुम्हरो यश मैं सदा सुनाऊं ॥

दुर्गा चालीसा जो कोई गावै।

सब सुख भोग परमपद पावै॥

देवीदास शरण निज जानी।

करहु कृपा जगदम्ब भवानी॥

॥ इति श्री दुर्गा चालीसा सम्पूर्ण ॥

इस तरह से करे पाठ होगा दोगुना लाभ 

देवी दुर्गा की चालीसा को शुद्धिकरण के बाद पढ़ना चाहिए. मंदिर में चौकी स्थापित कर स्नान के बाद ही दुर्गा चालीसा पढ़ें. इसके लिए एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर मां दुर्गा की मूर्ति या फोटो को इस्तापित करे. फिर कुश बिछा कर आप बैठ जाएं. स्वच्छ हाथों से ही चालीसा को छुएं और इस मंत्र का पाठ करें-

सर्व मंगल मांगले शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्रियुम्बिके गौरी नारायणी नमोऽस्तुते।।
या देवी सर्व भुतेसू लक्ष्मी रूपेण संस्थिता |
नम: तस्ये नम: तस्ये नम: तस्ये नमो नम:||

इस पाठ के बाद आप दुर्गा चालीसा का पाठ आरंभ करें. इस तरह से पाठ करने से मातारानी प्रसन्न होती और आपकी सारी मनोकामना जल्द ही पूर्ण हो जाएंगी.

मन की शांति से लेकर सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह तक ही है इसमे शक्ति

ऐसा माना जाता है कि श्री दुर्गा चालीसा का पाठ करने से मन शांत रहता है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है. इस पाठ को करने वाले पर मां की दया दृष्टि सीधे आप तक पहुंचती है. श्री दुर्गा चालीसा का पाठ करने से मां अपने भक्तों को शत्रुओं को परास्त करने की शक्ति देती है और सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं. यह न सिर्फ घर में सुख-समृद्धि लाता है, बल्कि इसका पाठ करने से सारी मनोकामना भी पूरी होती.

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