बच्चों का भविष्य भी बर्बाद कर रहा है कोरोना संक्रमण, ग्रामीण इलाकों में आसान नहीं है ऑनलाइन पढ़ाई
देश में कोरोना संक्रमण की वजह से अब भी प्रतिबंधों का दौर जारी है. झारखंड में कई प्रतिबंधों के साथ- साथ स्कूल और कोचिंग सेंटर बंद कर दिये गये हैं. कोरोना संक्रमण काल में बच्चों का परिचय ऑनलाइन क्लास से हुआ है.
देश में कोरोना संक्रमण की वजह से अब भी प्रतिबंधों का दौर जारी है. झारखंड में कई प्रतिबंधों के साथ- साथ स्कूल और कोचिंग सेंटर बंद कर दिये गये हैं. कोरोना संक्रमण काल में बच्चों का परिचय ऑनलाइन क्लास से हुआ है. शहरी इलाकों में बच्चों ने कुछ हद तक इसे अपना भी लिया है लेकिन ग्रामीण इलाकों में स्कूल और कोचिंग के संचालकों को कई तरह की परेशानियां आ रही है.
इस बार झारखंड में स्कूल और कोचिंग के बंद होने का कितना नुकसान छात्रों को होगा ? आइये इन सवालों का जवाब तलाशने की कोशिश करते हैं उनसे जो इन परेशानियों का सामना कर रहे हैं. हमने बड़ों में डीएवी विवेकानंद पब्लिक स्कूल चला रहे कैलाश कुमार से. आइये जानते हैं उनका क्या कहना है. अपने गांव और छोटे कस्बों में रहकर अपने इस सपने को पूरा करने की कोशिश करते हैं.
हजारीबाग जिले के केरेडारी प्रखंड में गुरुकुल कोचिंग संस्थान चला रहे विकास कुमार पांडेय ने भी बताया कि कैसे छात्रों के सरपनों के बीच भी कोरोना जैसी बीमारी बड़े संकट के रूप में खड़ी है. इस बड़ी समस्याओं के बीच यह कुछ चुनिंदा लोग हैं. समस्याएं इतनी ही नहीं है. तमाम परेशानियों के बीच बच्चों की पढ़ाई जारी रहे यह बड़ी समस्या के रूप में खड़ी है.