झारखंड की राजधानी रांची के नगड़ी इलाके में कई लोगों को फोन पर धान बेचने के लिए कॉल आया. इस फोन कॉल में बताया गया कि यह कॉल जिला प्रशासन की तरफ से है. उनसे आधार नंबर मांगा गया और अकाउंट नंबर मांगा गया यह कहते हुए कि धान खरीद की दूसरी किस्त की राशि जमा होगी.
शक होने पर कई किसानों ने इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी. इसके बाद डीएसओ ने एक आदेश जारी कर किसानों से कहा कि इस तरह का फोन जिला प्रशासन की ओर से नहीं किया जा रहा है. ऐसे में कोई भी किसान अपना बैंक डिटेल व आधार नंबर ठगों को न दें.
फ्रॉड कॉल्स का दायरा बढ़ रहा है ऐसे कई मामले सामने आये हैं जहां अब बैंक में अकाउंट बंद करने या एटीएम ब्लॉक होने के साथ- साथ कई औऱ तरीकों से भी ठगी की जा रही है. अब किसानों को भी टारगेट किया जा रहा है. साइबर अपराधी सरकार की नयी योजना का नाम लेकर भी ठगी कर रहे हैं. अब धान खरीद के नाम पर किसानों से ठगी का नया तरीका साइबर अपराधियों ने निकाला है.
झारखंड में बढ़ते साइबर मामलों से निपटने के लिए राज्य पुलिस के अधिकारियों ने मेवात मॉडल अपनाने का फैसला लिया है .हरियाणा के मेवात से भी साइबर अपराध के मामले लगातार सामने आए हैं. जामताड़ा की तरह ही मेवात का इलाका देशभर में साइबर अपराध के कारण चर्चा में था.
यहां 16.69 लाख सिमकार्ड का पुन:सत्यापन सभी सिम कार्ड प्रोवाइडर कंपनियों से कराया गया था. पुन:सत्यापन के दौरान कुल 4.27 लाख सिम कार्ड के अवैध तरीके से चालू कराने की बात सामने आयी। इसके बाद कुल 4.27 लाख सिमकार्ड को बंद करा दिया गया था। इन सिम कार्ड के अवैध तरीके से इश्यू किए जाने के मामले में अलग से विधि सम्मत कार्रवाई भी की गई.