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जब झारखंड की बेटियों ने हाथ में थामा धनुष और हॉकी स्टिक, टोक्यो ओलंपिक में बदला इतिहास…

इस डॉटर्स डे हम झारखंड की उन बेटियों की बात करेंगे, जिन्होंने खेल कूद के क्षेत्र में पुरुषों को पछाड़ते हुए टोक्यो ओलंपिक में नई इबारत लिखी. सुविधाओं की घोर कमी की आंधी भी इन्हें रोक नहीं पाई. दरअसल, बात हो रही है टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचने वाली झारखंड की बेटियां निक्की प्रधान और सलीमा टेटे की.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 26, 2021 10:14 AM

Daughters Day 2021: झारखंड की इन बेटियों ने टोक्यो की धरती पर बिखेरा जलवा | Prabhat Khabar

Daughter’s Day 2021: खेलकूद ऐसा क्षेत्र है, जिसमें पुरुषों का वर्चस्व रहा है. अगर बात करें इस बार के टोक्यो ओलंपिक की तो इस बार बेटियां बेटों से आगे निकल गई. इस बार ओलंपिक के इतिहास में पहली बार 49 फीसदी महिला खिलाड़ी प्रतिभागी बनीं. इस डॉटर्स डे हम झारखंड की उन बेटियों की बात करेंगे, जिन्होंने खेल कूद के क्षेत्र में पुरुषों को पछाड़ते हुए टोक्यो ओलंपिक में नई इबारत लिखी. सुविधाओं की घोर कमी की आंधी भी इन्हें रोक नहीं पाई. दरअसल, बात हो रही है टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचने वाली झारखंड की बेटियां निक्की प्रधान और सलीमा टेटे की.

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