गठबंधन या गठजोड़. इसके तहत बाबा भोलेनाथ का मंदिर और मां पार्वती के मंदिर के शिखर को पवित्र धागों से जोड़ा जाता है. इस दौरान श्रद्धालु अपने और अपने परिवार वालों के लिए खुशहाली कामना करते हैं. इस गठबंधन के कपड़े का भी विशेष महत्व है इसे रक्षा सुत्र के रूप में श्रद्धालु बड़ी श्रद्धा से अपने पास रखते हैं. रक्षासुत्र के तौर पर इसे बांधते हैं या अपने घर के मंदिर या पवित्र स्थल के पास रखते हैं.
शास्त्रों में भी बाबा भोलेनाथ के मंदिर और मां पार्वती के मंदिर के ध्वज को धागों से गठजोड़ करने की परम्परा का वर्णन किया गया है. यहां आने वाले तीर्थ यात्री भी बाबा को जलाभिषेक करने के बाद अपनी मनोकामना की पूर्ति और अपनी परिवार की खुशहाली के लिए बाबा बैद्यनाथ और मां पार्वती मंदिर के बीच पवित्र धागा का गठजोड़ करना चाहते हैं.