देवघर जिले के त्रिकूट पहाड़ में मौजूद झारखंड का एक मात्र रोपवे बड़े हादसे का शिकार हो गया. रोपवे के तार टूट जाने से एक व्यक्ति की मौत हो गयी जबकि 18 घंटे से ज्यादा वक्त हो गया अब भी 48 लोग फंसे हैं. झारखंड का यह एक मात्र रोप वे है. सबसे मजेदार तो यह कि यह सतह से 800 मीटर की उंचाई पर है.
यह 90 डिग्री पर उंचाई की ओर जाता है. सतह से टॉप पर बने स्टेशन तक पहुंचने में 8 मिनट का समय लगता है. एनडीआरएफ की टीम लगातार बचाव कार्य में लगी है. हेलीकॉप्टर की मदद से लोगों को रोपवे से बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है लेकिन दो बार के प्रयास के बाद भी किसी को बाहर नहीं निकाला जा सका है. आखिर ये हादसा हुआ कैसे ? बचाव कार्य कहां तक पहुंचा ?
करीब 4:30 बजे रोपवे जैसे ही डाउन स्टेशन से चालू हुआ कि पहाड़ की चोटी पर स्थित रोप-वे के यूटीपी स्टेशन का रोलर अचानक टूट गया. इसके बाद रोप-वे की 23 ट्रॉलियां एक झटके में सात फीट नीचे लटक गयीं. वहीं, सबसे पहले ऊपर की एक ट्रॉली 40 फीट नीचे खाई में गिर गयी, जिसमें पांच लोग सवार थे. स्थानीय लोगों और रोप-वे कर्मियों ने मिलकर उस ट्रॉली में फंसे पांच लोगों को बाहर निकाला.
रोपवे में अब भी 48 लोग फंसे हैं. 19 घंटे से ज्यादा का वक्त हो गया लेकिन अबतक लोगों को सुरक्षित नहीं निकाला जा सकता है. घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने आगे बढ़कर कुछ लोगों को बाहर निकाला और मदद की. एनडीआरएफ की टीम लगातार बचाव कार्य में लगी है. वायु सेना ने दो हेलीकॉप्टर की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया है लेकिन दो प्रयास के बाद भी लोगों को अबतक सुरक्षित बाहर नहीं निकाला जा सका है.
ड्रोन के जरिए लोगों तक पानी पहुंचाया जा रहा है. सांसद निशिकांत दुबे सहित तमात वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद हैं और लोगों को मदद का भरोसा दे रहे हैं. रात में रोपवे में फंसे लोगों का हाल चाल पूछा गया.