मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खतियानी जोहार यात्रा के दूसरे चरण की कोडरमा से शुरुआत करते हुए जल्द ही अभ्रक उद्योग के लिए नया कानून लाने की बात कही. वहीं, मंगलवार को ही उन्होंने पहाड़पुर मोड पर ढिबरा, माइका के वैध कारोबार की सांकेतिक शुरुआत भी की. सीएम ने यहां पर ढिबरा लोड 709 वाहन को हरी झंडी दिखाकर जेएसएमडीसी के चंदवारा के थाम स्थित डंप के लिए रवाना किया. जिले में जेएसएमडीसी और सहकारी समितियों के जरिए अब ढिबरा की खरीद-बिक्री होगी.
इससे पहले गिरिडीह जाने के क्रम में पहाड़पुर चौक पर ग्रामीणों और ढ़िबरा मजदूरों ने मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत किया. हालांकि, सीएम अपने निर्धारित समय से काफी देर से यहां पहुंचे, लेकिन इस दौरान ग्रामीण और श्रमिक काफी उत्साह के साथ उनके इंतजार में खड़े दिखे. खनन पदाधिकारी ने बताया कि वर्तमान में कोडरमा जिला में अभ्रक खनिज का एक भी खनन पट्टा संचालित नहीं है. राज्य सरकार द्वारा माइका खनिज को पुनर्जीवित करने का प्रयास चल रहा है.
नियमावली के तहत ढिबरा डंप में पाये जाने वाले अभ्रक खनिज, जिसका व्यवसायिक मूल्य होकर भंडार/डंप का निष्पादन झारखंड राज्य खनिज विकास निगम लिमिटेड के माध्यम से किया जाएगा. उक्त के आलोक में भूतत्व निदेशालय द्वारा चरकी अंचल कोडरमा में भंडारित ढ़िबरा डंप (अवशेष) से अभ्रक का निष्कासन के लिए चिह्नित किया गया है.