Video : झारखंड में हाथी का उत्पात, 2 दिनों में 8 को मारा तो इटकी में लगी धारा 144

मानव-हाथी द्वंद्व में जान-माल की क्षति रोकने के लिए एहतियात के तौर पर इटकी प्रखंड में निषेधाज्ञा (धारा-144) लागू कर दी गयी है

By Raj Lakshmi | February 22, 2023 11:45 AM
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झारखंड में दो दिन में हाथी ने 8 लोगों को मार डाला है. ताजा मामला राजधानी रांची का है. रांची जिले के इटकी स्थित बोड़ेया और गढ़गांव में मंगलवार को 4 लोगों को मार डाला. जिन लोगों को हाथी ने मारा है, उनके नाम सुखवीर किंडो, पुनई उरांव, रदवा देवी और गोयंदा उरांव हैं. हाथी के हमले में एक महिला समेत दो लोग घायल हो गये हैं. बोड़ेया में हाथी ने सुखवीर किंडो को मार डाला, तो गढ़गांव में भी पुनई उरांव को. घायल गोयंदा उरांव की अस्पताल में मौत हो गयी. गढ़गांव में हाथी ने चचगुरा निवासी गोयंदा उरांव को पैरों से रौंद कर गंभीर रूप से घायल कर दिया है. उसे बेड़ो अस्पताल ले जाया गया. लेकिन, अस्पताल में उसकी मौत हो गयी. इससे एक दिन पहले यानी सोमवार को लोहरदगा जिले में हाथियों ने 4 लोगों को मार डाला था.

जिले के भंडरा प्रखंड के टंगरा गांव में हुई इस घटना के बाद से आसपास के इलाके में दहशत का माहौल है. आपको बता दे कि झुंड से बिछड़े एक जंगली हाथी ने सोमवार तड़के टंगरा गांव में 3 ग्रामीणों को कुचलकर मार डाला. मृतकों की पहचान लालमन महतो झालो उरांव और सकून उर्फ नेहा के रूप में हुई थी. घटना के बाद हाथी ने गांव के बगल में स्थित पतरा में डेरा डाल दिया. उसी दिन दोपहर करीब 3:00 बजे वहां से गुजर रहे कसपुर नवाटोली गांव निवासी गणेश उरांव को भी गुस्साये हाथी ने मार डाला. सूचना पाकर डीएफओ अरविंद कुमार, भंडरा बीडीओ रंजीत कुमार सिंह व अन्य पदाधिकारी पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे.

वनकर्मियों ने हाथी की गतिविधि पर नजर रखना शुरू कर दिया. रात में हाथी जंगल में चला गया. वहीं, मानव-हाथी द्वंद्व में जान-माल की क्षति रोकने के लिए एहतियात के तौर पर इटकी प्रखंड में निषेधाज्ञा (धारा-144) लागू कर दी गयी है. सदर अनुमंडल पदाधिकारी दीपक दुबे द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह कदम उठाया गया है. निषेधाज्ञा 21 फरवरी से अगले आदेश तक लागू रहेगी. घटना की सूचना मिलने पर वन विभाग के अधिकारी गांव पहुंचे. विभाग की ओर से मारे गये लोगों के परिजनों को तत्काल सहायता के रूप में 25-25 हजार रुपये की राशि दी गयी. वहीं, कागजी कार्रवाई के बाद 3.75 लाख रुपये देने की बात कही गयी.

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