Exclusive: बिटिया दिवस पर प्रण: ‘खिड़की भर आकाश में, मुट्ठी भर आसमान’ लेकर ना सिसके लाडली
सितंबर का गुजरता महीना कई खुशियों को खुद में समेटकर लाया है. सिविल सर्विसेज के नतीजों में टॉप-25 में 13 बेटियां हैं. इसके ठीक तुरंत बाद आज बालिका दिवस (डॉटर्स डे) भी आ गया है.
Daughter’s Day 2021: सितंबर का गुजरता महीना कई खुशियों को खुद में समेटकर लाया है. सिविल सर्विसेज के नतीजों में टॉप-25 में 13 बेटियां हैं. इसके ठीक तुरंत बाद आज बालिका दिवस (डॉटर्स डे) भी आ गया है.
आज बेटियों का दिन है. उनकी सफलता को नमन करने का दिन. हमारे समाज में एक बेटी ने हर रोल में खुद की अहमियत साबित की है. वक्त गुजरा और ‘बेटी है, तो कल है’ पर भरोसा बढ़ता चला गया. पूरा भरोसा इसलिए नहीं है कि आज भी कई बेटियां‘खिड़की भर आकाश में, मुट्ठी भर आसमान’ लेकर सिसकती रहती हैं.
सामाजिक दायित्व को निभाते हुए प्रभात खबर डिजिटल ने बालिका दिवस पर समयचक्र को उलटा घुमाया और गुजरे कल में पहुंचा. इसके लिए हमने एक फिल्म का सहारा लिया है. इस फिल्म को देख आप समझ सकते हैं कि बदलाव आया है. लेकिन, अभी भी आधी आबादी को पूरी भागीदारी नहीं मिली है. एक समय था बेटियों को बोझ समझा जाता था. बेटियों को पढ़ाने से ज्यादा उनके ब्याहने की फिक्र रहती थी. बहू गर्भवती हुई और बेटा पैदा होने की मनोकामना शुरू हो जाती थी. सासू मां अपने पोते का नाम तक सोच लेती थीं.
हमने समयचक्र को वर्तमान में भी लाया. हमें बदलाव साफ दिखा है. बाल विवाह, दहेज प्रथा, तीन तलाक जैसे सामाजिक अभिशापों से समाज को मुक्त किया गया है. अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है. आज बेटियों ने हर सेक्टर में अपनी काबिलियत साबित की है. चिंता इस बात की है कि अभी भी कई बेटियां ‘खिड़की भर आकाश में, मुट्ठी भर आसमान’ लेकर अपने सपनों के साथ सिसकती रहती हैं. हमें उम्मीद है कि हमारी कोशिश से बेटियों को सही मायनों में पूरी भागीदारी मिलेगी. हम गर्व से कह सकेंगे कि वो हमारी बेटी है. हमारी बहन है और हमारी बहू भी है. आप सभी को बालिका दिवस की ढेर सारी शुभकामना.