फेसबुक-वॉट्सएप पर बीजेपी-कांग्रेस आमने सामने, जानिए क्या है मामला?

अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट से भारतीय राजनीति में उफान आ गया है. कांग्रेस ने वॉल स्ट्रीट जर्नल की खबर पर संयुक्त संसदीय समिति के जांच की मांग की है. पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वॉल स्ट्रीट जर्नल के खुलासे के बाद दावा किया है कि भारत में अमेरिकी कंपनी फेसबुक और वॉट्सएप पर बीजेपी और आरएसएस का कब्जा है. कांग्रेस के मुताबिक जेपीसी को मामले की जांच करनी चाहिए. कांग्रेस का आरोप है कि फेसबुक और वॉट्सएप की बदौलत चुनाव में बीजेपी नफरत फैला रही है. बड़ी बात यह है कि कांग्रेस की यह भी मांग है कि इस बात की भी जांच हो कि फेसबुक और वॉट्सएप के बड़े पदों पर बैठे कितने कर्मचारी हैं, जिनके संबंध बीजेपी और उनके नेताओं से हैं. दूसरी पार्टी के नेताओं ने भी मामले में बीजेपी सरकार को घेरा है. दरअसल, अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जनरल में 'फेसबुक हेट-स्पीच रूल्स कोलाइड विद इंडियन पॉलिटिक्स' हेडिंग से प्रकाशित एक रिपोर्ट से पूरा विवाद खड़ा हुआ है. रिपोर्ट में दावा किया गया कि फेसबुक भारत में सत्तारूढ़ बीजेपी नेताओं के भड़काऊ भाषा के मामले में नियम कायदों में ढील बरतता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 17, 2020 1:31 PM

Facebook-WhatsApp पर BJP-कांग्रेस आमने सामने, जानिए क्या है मामला? | Prabhat Khabar
अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट से भारतीय राजनीति में उफान आ गया है. कांग्रेस ने वॉल स्ट्रीट जर्नल की खबर पर संयुक्त संसदीय समिति के जांच की मांग की है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वॉल स्ट्रीट जर्नल के खुलासे के बाद दावा किया है कि भारत में अमेरिकी कंपनी फेसबुक और वॉट्सएप पर बीजेपी और आरएसएस का कब्जा है. कांग्रेस के मुताबिक जेपीसी को मामले की जांच करनी चाहिए. कांग्रेस का आरोप है कि फेसबुक और वॉट्सएप की बदौलत चुनाव में बीजेपी नफरत फैला रही है. बड़ी बात यह है कि कांग्रेस की यह भी मांग है कि इस बात की भी जांच हो कि फेसबुक और वॉट्सएप के बड़े पदों पर बैठे कितने कर्मचारी हैं, जिनके संबंध बीजेपी और उनके नेताओं से हैं. दूसरी पार्टी के नेताओं ने भी मामले में बीजेपी सरकार को घेरा है. दरअसल, अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जनरल में ‘फेसबुक हेट-स्पीच रूल्स कोलाइड विद इंडियन पॉलिटिक्स’ हेडिंग से प्रकाशित एक रिपोर्ट से पूरा विवाद खड़ा हुआ है. रिपोर्ट में दावा किया गया कि फेसबुक भारत में सत्तारूढ़ बीजेपी नेताओं के भड़काऊ भाषा के मामले में नियम कायदों में ढील बरतता है.

Exit mobile version