प्यार की राह में चाहे जितने भी कांटे क्यों न हो मगर प्यार सच्चा हो तो हर मुश्किल को पार कर ही जाता है. ऐसा ही कुछ महेशपुर में भी हुआ. एक लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार प्रेमिका की शादी प्रेमी से हो ही जाती है. संघर्ष इतना ज्यादा कि प्रेमिका निशा अपने प्रेमी से शादी की जिद के साथ उसके घर के आगे इस ठिठुरती ठंड में 62 घंटे तक बैठी रहती है. 62 घंटे तक ठंड में बैठे रहने के बाद पुलिस आती है. पूछताछ के लिए थाने लेकर जाती है. लेकिन फिर भी निशा की जिद बस इतनी ही रहती है कि मुझे उत्रम से ही शादी करनी है.
हक पाने के लिए प्रेमिका सहित परिजनों ने पुलिस में लड़के के खिलाफ शिकायत भी दर्ज करवाई लेकिन फिर भी उसका यही कहना था कि वह उत्रम से ही शादी करेगी. इस जिद के आगे लड़के को भी झुकना पड़ा. और उसके परिवार को भी. जिसके बाद हुई दोनों की शादी. रविवार दोनों ही परिवार रविवार मंदिर पहुंचते है. इसके बाद दोनों पक्षों के लोगों का जुटान हुआ। समाज से जुड़े लोग भी पहूंचे. इसके बाद महेशपुर मुखिया मनोज महतो ने प्रेमी पक्ष से लाए हुए शादी के लिए लाए लाल जोड़ा वस्त्र निशा के महिला परिजनों को दिया. दुल्हन बनी निशा खुशी के मारे सब्र नहीं कर पा रही थी.
इसके बाद पंडित उदय कुमार तिवारी ने नव दंपत्ती बन रहे निशा व उत्तम को पहले मां लिलोरी का आशीर्वाद दिलाया व फिर पैरों में आलता चढ़ाने से लेकर वैदिक विवाह मंत्रोच्चार के साथ जयमाला, समधी मिलन, कन्यादान व सिन्दूरादान के साथ विवाह संपन्न कराया. प्यार की जीत के बाद निशा काफी खुश नजर आई. नवदंप्ति फोन में सेल्फी भी ली. इस दौरान निशा ने कहा कि उसे उसका प्यार चाहिए था, मिल गया. अब कोई गिला शिकवा नहीं है. वह जानती थी कि उत्तम उसे बहुत प्यार करते हैं, उसे अपनाएगें ही और अपना लिया. दर्ज प्राथमिकी के बारे में बताया कि उसने अपना हक पाने के लिए ऐसा किया था. अब जितना जल्दी होगा, इसे वापस ले लेंगे. उत्तम ने कहा कि शादी तो करनी ही थी, किया भी अब भविष्य सुधारना है.
रिपोर्ट : सुबोध चौरसिया