VIDEO: पहले प्रधान संपादक को जेल से दी धमकी, अब फर्जी F.I.R
बिरसा मुंडा कारा, रांची में बंद शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी ने जेल से ही प्रभात खबर के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी को पहले फोन कर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी. पुलिस ने तत्परता से फर्जी तरीके से प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी और वरीय स्थानीय संपादक विजय पाठक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की.
बिरसा मुंडा कारा, रांची में बंद शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी ने जेल से ही प्रभात खबर के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी को पहले फोन कर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी. फिर उन्हीं के खिलाफ पुलिस से शिकायत की. इसके बाद पुलिस ने अत्यधिक तत्परता दिखाते हुए एक फर्जी मामले में प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी और वरीय स्थानीय संपादक विजय पाठक के खिलाफ खेलगांव थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली है. ज्ञातव्य है कि इडी चार्जशीट की खबर प्रभात खबर में छापने के बाद प्रधान संपादक श्री चतुर्वेदी को जेल से 29 दिसंबर की सुबह योगेंद्र तिवारी ने धमकी दी थी. इसके बाद प्रभात खबर की ओर से पहले प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. सदर थाना की पुलिस ने आइपीसी की धारा 385, 503 और 506 के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी. मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे सीआइडी को सौंप दिया गया है. सीआइडी इस मामले की जांच कर रही है. योगेंद्र तिवारी शराब, बालू और जमीन कारोबारी है और मनी लाउंड्रिंग के मामले में वह जेल में बंद है. प्रभात खबर आरंभ से ही भ्रष्टाचार के खिलाफ मुखर रहा है. जनहित की पत्रकारिता के कारण प्रभात खबर को पहले भी निशाना बनाने की कोशिश की जाती रही है, उसे परेशान करने का प्रयास किया गया है, प्रभात खबर को झुकाने का प्रयास किया गया है. इसके बावजूद प्रभात खबर न पहले कभी झुका था और न कभी झुकेगा. हमेशा जनता की आवाज बना रहेगा. इतिहास बताता है कि जब-जब प्रभात खबर को परेशान किया गया है, झूठे मुकदमे में फंसाने का प्रयास किया गया है, जनता की आवाज को दबाने का प्रयास किया गया है, पाठक-जनता सड़कों पर प्रभात खबर के समर्थन में उतरी है. यही प्रभात खबर की सबसे बड़ी ताकत रही है. यही कारण है कि जब भी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़नेवाले देश भर के जिन चुनिंदा अखबारों की चर्चा होती है, उसमें प्रभात खबर का महत्वपूर्ण स्थान होता है.