चारा घोटाला मामले में लालू यादव की सजा का ऐलान आज हो गया. लालू प्रसाद यादव को डोरंडा कोषागार मामले से अवैध निकासी के लिए पांच साल की सजा सजा सुनाई गई है. इसके साथ ही साठ लाख का जुर्माना लगाया गया. सीबीआई के विशेष जज एसके शशि ने सजा सुनाई. डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े चारा घोटाला के सबसे बड़े मामले में दोषी करार दिया है.
लालू प्रसाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश हुए. स्पेशल कोर्ट ने पिछले 15 फरवरी को इन्हें दोषी करार दिया था. लालू प्रसाद चारा घोटाले के चार मामलों में पहले से सजायाफ्ता हैं. पिछले 15 फरवरी को लालू प्रसाद समेत 75 आरोपियों को अदालत ने दोषी करार दिया था. इनमें 38 अभियुक्तों की सजा के बिंदु पर फैसले के लिए 21 फरवरी की तारीख मुकर्रर की थी, जबकि 24 आरोपियों को बरी कर दिया गया था. इस मामले में कुल 99 आरोपियों ने कोर्ट में ट्रायल फेस किया था.
चारा घोटाले में पांच मामले दर्ज किए गए थे. जिनमें दो चाइबासा कोषागार व एक-एक देवघर, दुमका व डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी से जुड़ा हुआ है. डोरंडा कोषागार से सबसे अधिक 139.35 करोड़ की अवैध निकासी हुई थी. यह निकासी 1990-95 के बीच हुई थी.
चारा घोटाला (chara ghotala case) में लालू प्रसाद यादव से जुड़े झारखंड में कुल पांच मामले हैं. इनमें से चार मामलों में उन्हें पहले से सजा मिल चुकी है और इन सभी मामलों में वे जमानत पर हैं. लालू को पहले ही चाईबासा के दो मामले, देवघर व दुमका से जुड़े चारा घोटाले में झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है. आज चारा घोटाले के सबसे बड़े डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में भी सीबीआई की विशेष अदालत ने इन्हें सजा सुनायी.
चारा घोटाले के चार मामलों में पहले से सजायाफ्ता लालू प्रसाद को पांचवें मामले में भी सीबीआई की विशेष अदालत (cbi special court ranchi) ने सजा सुनायी है. वे फिलहाल मेडिकल बोर्ड की अनुशंसा के बाद रांची के रिम्स (RIMS) में इलाजरत हैं. सजा सुनाये जाने के वक्त लालू प्रसाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सीबीआई की विशेष अदालत में पेश हुए. इससे पहले लालू प्रसाद यादव काफी तनाव में थे. उनका बीपी बढ़ गया था. रिम्स के डॉक्टरों ने उनके स्वास्थ्य की जांच की थी.