आग पर नंगे पांव चलकर किया ईश्वर को याद, देखें कैसे मना गाजन उत्सव
झारखंड में मंडा पर्व की अलग पहचान है. पश्चिम बंगाल में गाजन उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है. इसकी कई मान्यताएं मंडा पूजा से मिलती हैं. यहां पर्व के दौरान भक्ति, श्रद्धा और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला.
झारखंड में मंडा पर्व की अलग पहचान है. पश्चिम बंगाल में गाजन उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है. इसकी कई मान्यताएं मंडा पूजा से मिलती हैं. यहां पर्व के दौरान भक्ति, श्रद्धा और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला. उपासना के पर्व के दौरान मंगलवार को निर्जल उपवास रख कर शिव मंदिर के चारों ओर लोटन सेवा किया. बुधवार रात में सबसे पहले दंगल बांधा हुआ. इसमें पुजारी तालाब में नहाने के बाद जमीन में बिना पैर रखे शिव भक्तों और आम लोगों के पीठ पर पैर रख कर शिव मंदिर पहुंचते हैं.
शिव भक्त यहां पोद्दो खिन नृत्य (मंडप के समीप आग जला कर इसके चारों ओर नृत्य) किया. वहीं सभी ने मशाल जला कर मंदिर के समीप नृत्य कर भगवान शिव से सुख, शांति और स्मृद्धि और अपने परिजनों की खुशहाली की कामना करते हैं. रात भर महिला और पुरुष छऊ कलाकरों द्वारा आकर्षक छऊ नृत्य प्रस्तुत किया गया.
कई भक्ताओं ने जीब में कील घोंप कर ,कमर में रड़ घुसाकर उसमें आग जलाकर और नंगे पांव अंगारों में चलकर ईश्वर के प्रति अपनी आश्था व्यक्त की. बहुलिया के भूतेश्वर और चित्रस्वर के शिव मंदिर शिवमंदिर करीब हजारों साल पुराणा है ,यहाँ आस पास ग्रामीण पूजा करने आते हैं.
शाम को मंदिर प्रांगण में स्थानीय कीर्तन मंडलियों ने हरिनाम प्रस्तुत किया गाया. रात को लोगों के बीच प्रसाद वितरण भी किया गया तथा देर रात को सैकड़ों लोगों के साथ गोरिया भार शोभायात्रा निकाल कर गाजेबाजे के साथ मंदिर तक लाया गया . फिर गोरियाभार का शुद्ध पानी सभी भक्तों को और ग्रामीणों को थोड़ा थोड़ा पिलाया गया कमिटि के मुताबिक इससे सबका शांति मंगल होता है. मौके पर ग्रामीणों की भीड़ उमड़ी तथा रात को ओडिशा के छौनित्य का आयोजन भी किया गया.