अब गाजियाबाद की शान बढ़ाने आया T-55 टैंक, 1971 की लड़ाई में पाकिस्तान को दिया था करारा जवाब
1971 की लड़ाई में टी-55 टैंक ने पाकिस्तानी सेना को करारी शिकस्त दी थी. इस टैंक की लंबाई 9 मीटर, चौड़ाई 3.7 मीटर और ऊंचाई 2.40 मीटर है. टी-55 टैंक का वजन करीब 36,000 किलोग्राम है.
Ghaziabad T-55 Tank: गाजियाबाद के मेरठ तिराहे मोड़ पर टी-55 टैंक लगाया गया है. इसका शुभारंभ गाजियाबाद के सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने किया. वीके सिंह ने बताया कि गाजियाबाद का बहुत पुराना इतिहास है. यहां के कई लोगों ने 1857 की क्रांति में हिस्सा लिया था. यह गाजियाबाद का सबसे पुराना शहीद स्थल है. इसे यादगार स्थल बनाने के लिए टैंक को रखा गया है. इससे युवाओं को प्रेरणा भी मिलेगी.
चीन से सीमा विवाद पर केंद्रीय राज्य मंत्री वीके सिंह ने कहा कि पैगोंग लेक पर चाइना सड़क बना रहा है. अगर वो बना रहा है तो उनको बनाने दीजिए जब तक वो हमारे देश में नहीं आता तब तक जो मर्जी अपनी सीमा में रहकर करे, हमें कोई फर्क नहीं पड़ता.
1971 की लड़ाई में टी-55 टैंक ने पाकिस्तानी सेना को करारी शिकस्त दी थी. इस टैंक की लंबाई 9 मीटर, चौड़ाई 3.7 मीटर और ऊंचाई 2.40 मीटर है. टी-55 टैंक का वजन करीब 36,000 किलोग्राम है. इसमें चार क्रू मेंबर बैठ सकते हैं. इसमें लगा मुख्य गन 100 एमएमडी 10-टी झीरी, गन और माध्यमिक गन 12.5 एमएम मशीन गन से लैस रहती है. इस टैंक में एंटी एयरक्राफ्ट गन भी लगी होती है. जो जरुरत पड़ने पर दुश्मनों के फाइटर जेट्स और प्लेन का पलक झपकते ही मारकर गिरा सकता है. टी-55 टैंक 14 किलोमीटर दूरी तक हमला करने की क्षमता रखता है.
टी-55 टैंक का निर्माता सोवियत यूनियनटी-55 टैंक को भारतीय सीमा पर सजग प्रहरी कहा जाता था. 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में टी-55 टैंक को भारत-पाक सीमा के पंजाब-राजस्थान बॉर्डर पर तैनात किया गया था. टी-55 टैंक का निर्माण सबसे पहले 1946 से 1981 के बीच सोवियत यूनियन ने किया था. 1956 से 1989 के बीच पोलैंड ने भी टी-55 मॉडल के टैंक का निर्माण किया. दोनों देशों की तर्ज पर 1957 से 1983 के बीच चेकोस्लोवाकिया में भी टी-55 मॉडल का निर्माण हुआ था.
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