चेन्नई के एक अस्पताल में निधन के बाद शुक्रवार शिक्षा मंत्री का पार्थिव शव रांची लाया गया. एयरपोर्ट पर सीएम खुद शिक्षा मंत्री को लेने पहुंचे. अपने कंधे पर कॉफिन रख सीएम एयरपोर्ट से बाहर निकले. इस दौरान लोगों की भीड़ मंत्री के अंतिम दर्शन के लिए जुटी रही.
हर कोई बस एक ही बात बोल रहा था, जगरनाथ दा टाईगर थे. उन्होंने अपनी यह पहचान खुद के बदौलत बनाई थी. वह सिर्फ नेता या मंत्री नहीं थे बल्कि वे जन नेता थे. लोगों के बीच उनकी मजबूत पकड़ ही उन्हें सबसे खास और अलग बनाती थी.