झारखंड का एक ऐसा गांव जहां कोई अपनी बेटी नहीं चाहता ब्याहना, देखें वीडियो
देशभर में एक तरफ हर गांव हर बिजली पहुंचाने का दावा किया जा रहा है वहीं झारखंड के दुमका जिले में कुछ ऐसे गांव हैं जहां ना सड़क है ना बिजली है और ना ही सरकारी सुविधाएं हैं. हालात ये है कि इन गांवों में कोई अपनी बेटी नहीं देना चाहता. गांव के युवाओं की शादी इस वजह से नहीं हो रही है.
देशभर में एक तरफ हर गांव हर बिजली पहुंचाने का दावा किया जा रहा है वहीं झारखंड के दुमका जिले में कुछ ऐसे गांव हैं जहां ना सड़क है ना बिजली है और ना ही सरकारी सुविधाएं हैं. हालात ये है कि इन गांवों में कोई अपनी बेटी नहीं देना चाहता.
गांव के युवाओं की शादी इस वजह से नहीं हो रही है. दुमका जिले के जामा प्रखंड का एक गांव है लकड़जोरिया. इस गांव की उपेक्षा और बदहाली का आलम यह है कि लड़के कुंवारे रह जा रहे हैं. गांव में कोई अपनी बेटी ब्याहना नहीं चाहता. गांव की चारो ओर अच्छी सड़क तो है, पर गांव में प्रवेश करने के लायक सड़क नहीं है. न कोई कार ढंग से आ सकती है. न ही इमरजेंसी पड़ने पर एंबुलेंस, मोटरसाइकिल भी चलाना मुश्किल होता है.
आदिवासी बाहुल्य लकड़जोरिया गांव में चार टोले हैं. इनमें लगभग 200 परिवार बसा हुआ है. आबादी 1200 से अधिक की है. इस क्षेत्र से वर्तमान में सीता सोरेन विधायक हैं और यह उनका तीसरा टर्म है. इसके बावजूद गांव की बदहाली से लोगों में जबरदस्त आक्रोश है. वर्तमान में दुमका लोकसभा के सांसद सुनील सोरेन का भी यही गृह क्षेत्र है. वे खुद भी जामा प्रखंड के ही रहने वाले हैं. इतना ही नहीं इस क्षेत्र की जनता ने जब बदलाव किया था, तब उन्हें ही अपना विधायक चुना था, लेकिन किसी ने इस लकड़जोरिया गांव की समस्या पर ध्यान नहीं दिया.