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International Women’s Day 2021: आज भी आधी आबादी से नाखुश समाज, महिला कर्मचारियों को नहीं मिलती पुरूषों के समान सैलरी

International Women's Day 2021, Mahila Diwas Ki Shubhkamnaye, Woman Rights, Indian Woman Society Status, Linkedin Opportunity Index: यूं तो महिलाओं के विकास को लेकर कई दावे किए जाते हैं लेकिन हालिया रिपोर्ट आज भी महिलाओं पर हमारी मानसिकता पर सवाल खड़ा कर रहा है. लिंक्डइन ऑपर्च्युनिटी इंडेक्स 2021 रिपोर्ट की माने तो भारत में 85 फीसदी महिला कर्मचारियों से औरत होने के कारण वेतन वृद्धि, पदोन्नति और अन्य लाभ के मौके छिन गए.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 8, 2021 8:16 AM

Women Day 2021: आज भी आधी आबादी से नाखुश समाज, महिला कर्मचारियों को नहीं मिलती पुरूषों के समान सैलरी

International Women’s Day 2021, Mahila Diwas Ki Shubhkamnaye, Woman Rights, Indian Woman Society Status, Linkedin Opportunity Index: यूं तो महिलाओं के विकास को लेकर कई दावे किए जाते हैं लेकिन हालिया रिपोर्ट आज भी महिलाओं पर हमारी मानसिकता पर सवाल खड़ा कर रहा है. लिंक्डइन ऑपर्च्युनिटी इंडेक्स 2021 रिपोर्ट की माने तो भारत में 85 फीसदी महिला कर्मचारियों से औरत होने के कारण वेतन वृद्धि, पदोन्नति और अन्य लाभ के मौके छिन गए.

रिपोर्ट में कहा गया कि 10 में से 7 कामकाजी महिलाओं और खासकर मांओं को लगता है कि पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाना अक्सर उनके करियर को आगे बढने नहीं देता. सर्वे के इस रिपोर्ट में 37 फीसदी महिलाओं ने कहा कि उन्हें पुरूषों की तुलना में कम वेतन मिलता है.. चौकाने वाली बात तो ये है कि वेतन कम दिए जाने की बात को 21 फीसदी पुरूषों ने भी सही माना.

लगभग दो-तिहाई कामकाजी महिलाओं यानि 63 फीसदी ने कहा ये स्वीकार किया उन्हें परिवार और घरेलू जिम्मेदारी की वजह से काम में भेदभाव सहना पड़ता है. इतना ही नहीं 5 में से एक महिलाएं अपने करियर में मिलने वाले अवसरों से नाखुश होने की वजह कंपनियों के रवैये को मानती हैं.

आपको बता दे कि पुरुषों और महिलाओं दोनों ने ये माना की वे नौकरी में तीन चीजों की तलाश करते हैं- नौकरी की सुरक्षा, एक ऐसा काम जिससे वे प्यार करते हैं और एक अच्छा वर्क लाइफ बैलेंस. रिपोर्ट के मुताबिक 63 प्रतिशत महिलाओं को लगता है कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए लिंग महत्वपूर्ण होता है. कोरोना महामारी का नेगेटिव असर को पर 5 में से 4 भारतीय सहमत हैं. सोचने वाली बात ये है कि 8 मार्च को हम अंतराष्ट्रिय महिला दिवस मनाएगे लेकिन आज भी महिलाओं की स्थिति जस की तस बनी हुई है.

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