Loading election data...

VIDEO: चतरा में आठ जवानों को लाठी देकर अफीम की फसल नष्ट करने भेजा गया था, DGP ने मांगी रिपोर्ट

चतरा जिले के बैरियो जंगल में बुधवार को उग्रवादी संगठन टीएसपीसी के दस्ते ने घात लगा कर पुलिस टीम पर हमला कर दिया था. इसमें दो जवान- सिकंदर सिंह और सुकन राम मारे गये थे. तीन जवान- आकाश सिंह, संजय लुगून और कृष्णलाल हाजरा घायल हुए थे.

By Mahima Singh | February 9, 2024 5:09 PM

अफीम की फसल नष्ट करने लाठी लेकर क्यों भेजे गए जवान ? #jharkhandnews #naxali #prabhatkhabar

चतरा जिले के बैरियो जंगल में बुधवार को उग्रवादी संगठन टीएसपीसी के दस्ते ने घात लगा कर पुलिस टीम पर हमला कर दिया था. इसमें दो जवान- सिकंदर सिंह और सुकन राम मारे गये थे. तीन जवान- आकाश सिंह, संजय लुगून और कृष्णलाल हाजरा घायल हुए थे. घटना पर मारे गये जवानों के परिजन और पुलिस मेंस एसोसिएशन ने सवाल खड़े किये हैं. एसोसिएशन के अध्यक्ष करण सिंह ने कहा कि पहले से उक्त क्षेत्र में उग्रवादी दस्ता की मौजूदगी का इनपुट होने के बावजूद जवाबदेह पुलिस अफसर सजग क्यों नहीं हुए. सुकन राम सहित आठ जवान, जो हजारीबाग के पीटीसी पदमा ट्रेनिंग कैंप में एएसआइ का प्रमोशनल ट्रेनिंग कर रहे थे, उन्हें सीएम हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद आदिवासी संगठनों द्वारा आहूत एक दिन के झारखंड बंद के दौरान विधि-व्यवस्था के लिए चतरा के वशिष्ठनगर जोरी थाना में प्रतिनियुक्ति किया गया था. वहां के प्रभारी थानेदार प्रशिक्षु डीएसपी वसीम राजा ने बगैर सोचे-समझे उनके हाथों में लाठी थमा कर उन्हें उग्रवादियों की मांद में भेज दिया. जहां निहत्थे सुकन राम उग्रवादियों के हाथों मारे गये. मामले में डीजीपी को सारी परिस्थितियों से अवगत कराया गया है. उच्चस्तरीय जांच करा दोषी पुलिस अफसरों व आरोपी उग्रवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गयी है. ऐसा नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गयी है. वहीं मारे गये जवान के परिजनों ने भी थाना प्रभारी सह प्रशिक्षु डीएसपी और मुंशी पर आरोप लगाया कि उनलोगों ने जवान सुकन राम को मरवा दिया. इधरउग्रवादी घटना के पहले अभियान में शामिल जवान अमरनाथ बनर्जी का भी वीडियो वायरल है. जवान वीडियो में कह रहा है कि चारों तरफ पहाड़ है. इसके बीच थोड़ा सा जो फील्ड है. इसी में पोस्ता (अफीम) की फसल लगी है. इसको नष्ट करने के लिए जोरी और सदर थाना का अभियान चल रहा है. इसमें सात से आठ डीएपी (हथियारबंद जवान) आये हुए हैं. बाकी लाठी पार्टी हैं हमलोग आठ. इतना सुदूर वन क्षेत्र में हमलोगों को नहीं लाना चाहिए था.

Exit mobile version