आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद भी झारखंड का यह गांव आम सुविधाओं से अछूता है. बोकरो जिला के गोमिया प्रखंड के अंतर्गत दनिया रेलवे स्टेशन से छ किलोमीटर दूर हलवैय गांव एक संताली बहुल मगर नक्सल प्रभावित इलाका है. यह गांव जिनगा पहाड़ के तलहटी मे बसा है. गांव में लोगों के सामने चलने के लिए रास्ता से लेकर पीने के पानी तक की समस्या है. खराब रास्ते के कारण कोई भी वाहन गांव में प्रवेश नहीं कर पाता है. स्थिति इतनी खराब है कि कोई भी ग्रामीण अगर बीमार पड़ता है तो उसे खाट में टांग कर ले जाना पड़ता है.
इसी तरह खाट पर टांग पर गांव के बीमार व्यक्ति को दो किलोमीटर दूर लिंक रोड पर वाहन पकडने के लिये ले जाना पडता है. यही हाल पानी का भी है. कुआं में पानी नहीं रहने और चापाकल से खराब पानी निकलने के कारण यहां के पानी नाले से रिसता हुआ पानी पीने को मजबूर हैं. दरअसल यहां के चापाकल के पानी में अधिक मात्रा में आयरन रहता है. जिस कारण लोग ये पानी नहीं पी पाते हैं. ऐसे में मजबूरी में नाले से रिसता हुआ पानी पीने को मजबूर हैं. ग्रामीण गांव से डेढ किलोमीटर की दूरी पर भितिया नाला से माथे में डेकची के माध्यम से पानी लाते है,. ग्रामीणो का कहना है कि पानी की समस्या को हल करने के लिये एक मात्र उपाय डीप बोरिंग कर पानी गांव मे सप्लाई किया जा सकता है.
वीडियो रिपोर्ट – नागेश्वर- ललपनिया