स्वतंत्रता दिवस 2020: आजादी के बाद भारतीय सेना का बेमिसाल सफर, सेवा, साहस और शौर्य…
आसमान की ऊंचाईयों में लहराता तिरंगा. हमारी आजादी का प्रतीक. हमारे शहीदों की शहादत की अमर निशानी. कश्मीर से कन्याकुमारी को एक साथ जोड़ने वाला तिरंगा. दुश्मनों को याद दिलाने वाला तिरंगा कि अभी हमारे सपूत सीमा पर तैनात हैं. हम सिर्फ घर की सुरक्षा ही नहीं करते. घर में घुसकर दुश्मनों का खात्मा भी करते हैं. 15 अगस्त भारत की आजादी का त्योहार है. हमारी अखंडता का जीवंत प्रमाण है. इस देश को भारतीय सेना ने सुरक्षित रखने जिम्मा उठाया है.
आसमान की ऊंचाईयों में लहराता तिरंगा. हमारी आजादी का प्रतीक. हमारे शहीदों की शहादत की अमर निशानी. कश्मीर से कन्याकुमारी को एक साथ जोड़ने वाला तिरंगा. दुश्मनों को याद दिलाने वाला तिरंगा कि अभी हमारे सपूत सीमा पर तैनात हैं. हम सिर्फ घर की सुरक्षा ही नहीं करते. घर में घुसकर दुश्मनों का खात्मा भी करते हैं. 15 अगस्त भारत की आजादी का त्योहार है. हमारी अखंडता का जीवंत प्रमाण है. इस देश को भारतीय सेना ने सुरक्षित रखने जिम्मा उठाया है. भारतीय सेना को दुनिया में सबसे खतरनाक माना जाता है. पलक झपकते ही दुश्मनों पर काल बनकर टूटने वाली सेना हमारी है. हमारी सेना जिस टारगेट को चुन लेती है, उसके खात्मे तक नहीं बैठती है. हमारी तीनों सेना जमीन, आकाश और समुद्र से एकसाथ हमला करने में माहिर है. 15 अगस्त 1947 से लेकर आज तक भारतीय सेना अपने फर्ज को गौरव के साथ निभा रही है. उनकी बदौलत ही हम तिरंगा को शान से लहराता देखकर कहते हैं, वंदे मातरम. भारतीय सेना कर्तव्य पथ पर हमेशा हौसले के साथ आगे बढ़ते रही. 1947 का कश्मीर युद्ध हो या संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में योगदान, 1948 में हैदराबाद का विलय हो या 1961 में गोवा दमन और दीव का विलय, हर मोर्चे पर भारतीय सेना ने अपना शानदार योगदान दिया. 1965 और 1971 के युद्ध में भी भारतीय सेना ने अपनी जांबाजी का सबूत दुनिया को दिया. आज भारतीय सेना सरहदों पर डटी है. अत्याधुनिक हथियारों से लैस सेना दुश्मन पर नजर रख रही है. वायुसेना में राफेल जैसे खतरनाक फाइटर जेट्स हैं. समुद्र में भी नौसेना चौकस है. जमीन, आकाश और समुद्र से हमारे जवान ना सिर्फ सरहदों की सुरक्षा कर रहे हैं, हमें भरोसा भी दे रहे हैं कि हमारा तिरंगा हमेशा ऊंचाईयों पर शान से लहराता रहेगा.