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कहीं आपके नाम का भी सिमकार्ड नक्सली तो नहीं कर रहे इस्तेमाल, जानें कैसे होता है फर्जीवाड़ा

पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप को सिम कार्ड दिलाने के लिए आम लोगों के दस्तावेज का गलत इस्तेमाल किया गया. निवेश के सहयोगी उज्जवल साहू ने बुधवार को जेल भेजे जाने से पूर्व खुलासा किया. उज्जवल खूंटी के कर्रा रोड का निवासी है.

पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप को सिम कार्ड दिलाने के लिए आम लोगों के दस्तावेज का गलत इस्तेमाल किया गया. निवेश के सहयोगी उज्जवल साहू ने बुधवार को जेल भेजे जाने से पूर्व खुलासा किया. उज्जवल खूंटी के कर्रा रोड का निवासी है. उसने पुलिस को बताया कि वह खूंटी बिरसा कॉलेज में बीए पार्ट वन की पढ़ाई करने के साथ-साथ रिलायंस जियो में पार्ट टाइम जॉब भी करता था.

शुभम कुमार और आर्या कुमार से वह पहले से परिचित था. दोनों ने उसे निवेश के बारे बताया. आर्या ने बताया था कि निवेश शुभम का बहनोई है और पीएलएफआइ के लिए काम करता है. उसके लिए फर्जी सिम की जरूरत है. दोनों ने उज्जवल से कहा था कि वह जियो कंपनी में काम करता है, इसलिए उसके लिए फर्जी सिम दिलाना आसान है. इसके बदले में बड़ी रकम दी जायेगी.

मामले में ध्रुव कुमार सिंह ने अपने स्वीकारोक्ति बयान में पुलिस को बताया है कि वह नगड़ी थाना क्षेत्र के रिंग रोड में आरपी ढाबा चलाने का काम करता था, जहां निवेश के आने-जाने के दौरान उसका परिचय हुआ. निवेश के कहने पर वह पीएलएफआइ उग्रवादियों के लिए काम करने लगा.

उज्जवल अपने मोबाइल के जियो पॉस ऐप की मदद से ग्राहकों को नया सिम देने के दौरान ही ग्राहक का लाइव फोटो एवं आधार कार्ड का फोटो एक बार की जगह दो बार लेता था. इसके बाद ग्राहक के फोटो और आधार कार्ड का इस्तेमाल कर वह दूसरा सिम कार्ड हासिल कर लेता था और उसे एक्टिव कराने के बाद अपने पास रख लेता था. उज्जवल ने बताया है कि 2021 के अंतिम माह में छह सिम कार्ड उसने आर्या को दिये थे. सिम कार्ड दिनेश गोप और उसके आदमी तक पहुंचाने थे.

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