दो दिनों तक पूछताछ के बाद इडी ने मंत्री आलमगीर आलम को बुधवार रात गिरफ्तार कर लिया. इस गिरफ्तारी के कई राजनीतिक मायने हैं. आलमगीर आलम कांग्रेस की धुरी रहे हैं. पार्टी का एक महत्वपूर्ण चेहरा आलमगीर आलम की साख और पहुंच काफी फैली हुई रही. केंद्रीय नेतृत्व ने हमेशा ही आलमगीर आलम पर भरोसा जताया है. 1995 में शुरू हुआ आलमगीर आलम का राजनीतिक सफर कभी नहीं रूका. 2000 में पाकुड़ से पहली बार चुनाव लड़ कर ये सत्ता में पहुंचे. बिहार में राबड़ी सरकार में ये राज्यमंत्री बने. एकीकृत बिहार से लेकर झारखंड गठन के बाद तक आलमगीर आलम सत्ता के आसपास घूमते रहें. 2006 में आलमगीर आलम को विधानसभा अध्यक्ष बनने का मौका मिला. 2009 में हार के बाद 2014 और 2019 में जीत हासिल की. हेमंत सरकार बनने के बाद आलमगीर आलम को संसदीय कार्यमंत्री और ग्रामीण विकास मंत्री की जिम्मेदारी मिली. हेमंत सोरेन कैबिनेट में वह नंबर दो पर थे. जब भी सरकार पर संकट आया, वह सबसे आगे खड़े रहें. जब हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया गया तो मंत्री आलमगीर आलम ने कांग्रेस की तरफ से मोर्चा संभाला. चंपाई सरकार में भी उनकी वही पैठ रही जो हेमंत सोरेन सरकार में थी.
BREAKING NEWS
Jharkhand : आलमगीर आलम के चारों ओर घूमती है झारखंड में कांग्रेस की राजनीति
झारखंड सरकार में मंत्री आलमगी आलम की गिरफ्तारी से कांग्रेस खेमे में सन्नाटा है. वजह , उनका पार्टी में कद. हमेशा आलाकमान के खास रहने वाले आलमगीर अब इडी रिमांड में हैं.
By Shaurya Punj
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement