रिपोर्ट के सहारे सरकार यह जानना चाहती है कि वर्ष 1832 में आदिवासियों के पास कुल कितनी जमीन थी. अब कितनी जमीन है. पत्र में लिखा गया है कि सीएनटी एक्ट 1908 की धारा 72 के तहत 1932 से 1947 तक की अवधि में आदिवासियों की कितनी जमीन का सरेंडर व सेटेलमेंट हुआ. धारा 73 के तहत कितने आदिवासी रैयतों ने टिनेंट छोड़ दिया.
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आदिवासी जमीन के अवैध हस्तांतरण का पता लगायेगी झारखंड सरकार
राज्य सरकार 1932 से 2021 तक की अवधि में आदिवासियों की जमीन के अवैध हस्तांतरण का पता लगायेगी. इसके लिए भू राजस्व विभाग ने सभी आयुक्तों व उपायुक्तों को पत्र लिख कर सीएनटी-एसपीटी एक्ट के प्रावधान के आलोक में 14 बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी है.
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