झारखंड : क्या होती है ड्रोन खेती, कैसे होता है खेती में ड्रोन का इस्तेमाल?
सरकार उन्नत कृषि और किसानों की आय पर जोर दे रही है. कृषि करने के पुरानी शैली को बदलकर आधुनिक नयी तकनीक से ज्यादा से ज्यादा फसल उगाने और किसानों की आय बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है.
सरकार उन्नत कृषि और किसानों की आय पर जोर दे रही है. कृषि करने के पुरानी शैली को बदलकर आधुनिक नयी तकनीक से ज्यादा से ज्यादा फसल उगाने और किसानों की आय बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. बहरागोड़ा प्रखंड के साकरा व बड़ा तादुआ गॉव में बुधवार को इफको झारखण्ड द्वारा किसानों को कृषि क्षेत्र में प्रयोग हो रहे दो नवीनतम तकनीक इफको नैनो यूरिया और कृषि में ड्रोन का उपयोग बताया गया.
इस जागरुकता कार्यक्रम में गॉव के करीब 500 से अधिक किसानों ने भाग लिया. गोष्ठी में किसानों को इफको नैनो यूरिया के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई एवं पारंपरिक यूरिया के तुलना में इसके महत्व एवं लाभों को किसानों के साथ साझा किया गया.
इफको नई दिल्ली मुख्यालय से आए इफको के वरिष्ठ अधिकारी श्री वेद पाल ने किसानों से कृषि क्षेत्र में ड्रोन के उपयोगिता के बारे में चर्चा की एवं बताया कि किस तरह इफको ग्रामीण इलाकों के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षित कर कृषि क्षेत्र में ड्रोन के उपयोगिता को बढ़ावा दे रही है.
राज्य विपणन प्रबंधक श्री यू के सिन्हा ने राज्य के किसानों को जागरूक करने हेतु इफको द्वारा किए जा रहे प्रयासों को किसानों के साथ साझा किया एवं सभी फसलों में नैनो तरल यूरिया प्रयोग करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया.
इसी कार्यक्रम के तहत धान के फसल में किसानों को ड्रोन के माध्यम से नैनो यूरिया एवं सागरिका तरल के स्प्रे का सजीव प्रदर्शन भी दिखाया गया. इस दौरान किसानों ने यह सीखा कि कैसे तकनीक की मदद से कम मेहनत में ज्यादा सफलता और ज्यादा बेहतर फसल हासिल किया जा सकता है.