झारखंड के तीन विधायक बंगाल में रूपयों के बंडल के साथ गिरफ्तार किये गये, आखिर माजरा क्या है ? इतने पैसे लेकर विधायक कहां जा रहे थे. क्या है साजिश है या साजिश थी सरकार गिराने की. कई ऐसे सवाल हम सभी के मन में हैं. आइये इस वीडियो के जरिये इन सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करते हैं.
इसके पीछे की कहानी समझें इससे पहले जरूर है कि जो अबतक हमारे सामने है उसे ठीक से समझ लिया जाये. आपको पता है कि झारखंड कांग्रेस के विधायक इरफान अंसारी, नमन विक्सल कोंगाड़ी और राजेश कच्छप को पुलिस ने गिरफ्तार किया है और पूछताछ जारी है. लेकिन इनके पास से बरामद 49 लाख 37 हजार 300 रुपये किसके हैं ? इस सवाल का अबतक कोई ठोस जवाब नहीं मिला है. मामले की जांच का जिम्मा सीआईडी को दिया गया है.
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश पर तीनों विधायक को निलंबित कर दिया है. आरोपियों पर आइपीसी 420/120 बी /171 ई/ 34 के अलावा 8/ 9 पीसी एक्ट के तहत मामले दर्ज किये गये हैं. सभी आरोपियों को हावड़ा के सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया, जहां मजिस्ट्रेट ने सभी को 10 दिन की रिमांड पर भेज दिया.
झारखंड कांग्रेस में क्या चल रहा था कांग्रेस आलाकमान विधायकों की गतिविधियों को लेकर सतर्क था. विधानसभा सत्र के दौरान ही प्रभारी अविनाश पांडेय रांची पहुंचे थे. सारे विधायकों से वन-टू-वन बातचीत की. राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग को लेकर वह माहौल टटोल रहे थे. 28 जुलाई की शाम प्रभारी ने विधायकों से बात की थी. 29 जुलाई को सत्र में शामिल हुए. अगले दिन कोलकाता का रास्ता पकड़ लिया. 30 जुलाई को कुछ विधायकों के राजधानी व क्षेत्र से बाहर रहने की सूचना पार्टी नेताओं को मिल गयी थी.
इसके बाद इरफान अंसारी, राजेश कच्छप, उमाशंकर अकेला, नमन विक्सल कोंगाड़ी, अंबा प्रसाद सहित दूसरे विधायकों की खोज-खबर शुरू हुई. कुछ विधायक कोलकाता पहुंचे हैं. इरफान अंसारी और राजेश कच्छप का फोन नहीं लग रहा था. नमन विक्सल कोंगाड़ी से प्रदेश कांग्रेस के आला नेता की बात हुई. उन्होंने कहा कि कोलकाता में हूं, लेकिन यह नहीं बताया कि उनके साथ और कोई विधायक भी हैं.
ये तो है पूरा घटनाक्रम अब इसकी चर्चा कहां से आयी कि सरकार गिराने की साजिश थी ये भी समझ लीजिए. बेरमो विधायक जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह ने अरगोड़ा थाना में जीरो प्राथमिकी करायी. एफआइआर में कहा कि झारखंड सरकार को गिराने के लिए कांग्रेस के विधायकों (प्रति विधायक) को 10-10 करोड़ रुपये और मंत्री पद का ऑफर मिला था.
उन लोगों ने मुझसे वायदा किया था कि झारखंड सरकार को गिराने के एवज में मुझे 10 करोड़ रुपये दिये जायेंगे. राजेश कच्छप और कोंगाड़ी मुझे कोलकाता बुला रहे थे. वहां से वे लोग मुझे लेकर गुवाहाटी जाते. इसके बाद वे गुवाहाटी में मेरी मुलाकात असम के सीएम हिमंत बिस्वा शर्मा से कराते और मंत्री पद के लिए आश्वस्त करते.
इरफान अंसारी ने मुझसे कहा कि झारखंड में जो नयी सरकार बनेगी, उसमें उन्हें स्वास्थ्य मंत्री बनाने का वायदा किया गया है. असम के सीएम यह सारा काम अपनी पार्टी के टॉप नेताओं के कहने पर कर रहे हैं, जो दिल्ली में बैठे हुए हैं. अनूप सिंह ने शिकायत में कहा है कि यह एक आपराधिक कृत्य है. यह देश के संवैधानिक ढांचा को ध्वस्त करने का प्रयास किया जा रहा है.
अबतक जो जानकारी आयी है उसके अनुसार हमारे सवांददाता कुंदन झा को हावड़ा पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, पूछताछ में इन लोगों ने बताया कि शनिवार को ही वे लोग गुवाहाटी से कोलकाता पहुंचे थे. यहां आने के बाद वे लोग कोलकाता के साल्टलेक स्थित एक नामी-गिरामी शैक्षणिक संस्थान पहुंचे और वहां से नकदी लेकर पूर्व मेदिनीपुर के मंदारमनी जाने के लिए रवाना हो गये.
विधायकों ने बताया कि मंदारमनी में एक भाजपा नेता के साथ उनलोगों को मुलाकात करनी थी. भाजपा नेता का नाम क्या है, इसका खुलासा नहीं हो सका है. गाड़ी में मिले नकदी के बारे में कांग्रेसी विधायकों ने कहा कि ये रकम उनलोगों ने शैक्षणिक संस्थान से ही ली थी. अब सवाल है कि आखिर, एक शैक्षणिक संस्थान से इतनी रकम क्यों ली और संस्थान ने उन्हें रुपये क्यों दिये ? इस सवाल को यही रखिये क्योंकि यह मामला जांच का है.
इसके साथ झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कि भाजपा जिस तरह से लोकतंत्र की सरेआम हत्या कर रही है. लोगों की चुनी लोकप्रिय सरकार को अपदस्थ करने का प्रयास कर रही है. इसकी निंदा देशभर में हो रही है. उन्होंने कहा कि जो लोग भी इस कृत्य के पीछे काम कर रहे.
सवाल अब भी कई हैं, इस पूरे घटनाक्रम से आपके कई सवाल के जवाब मिले भी होंगे लेकिन इन सवालों ने कई नये सवाल खड़े कर दिये हैं. इस पूरे घटनाक्रम पर हमारी नजर रहेगी, जैसे ही आपके किसी सवाल का जवाब मिलेगा हम उसे आपतक पहुंचाने की कोशिश करेंगे